PATNA : देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन का काम जारी है. बिहार में पहले चरण के अंदर स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है, लेकिन पटना जिले में टीकाकरण अभियान की स्थिति बता रही है कि स्वास्थ्य कर्मी ही कोरोना वैक्सीन लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. जिले में कोरोना टीकाकरण के लिए जो लक्ष्य तय किया गया था वह अब तक पूरा नहीं हो सका है. लगभग 40 फ़ीसदी स्वास्थ्य कर्मी टीका लगवाने नहीं आए हैं.
बुधवार तक के पटना जिले में 33934 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य था, जबकि 20414 ही वैक्सीन ले पाए हैं. हैरत की बात यह है कि लिस्ट में नाम आने के बावजूद 13000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी अब तक वैक्सीन लेने नहीं पहुंचे. पटना में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत हर दिन ऐसा देखने को मिल रहा है कि लिस्ट में नाम होने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीन लेने नहीं पहुंचते. दरअसल कोरोना वैक्सीन लेना अब तक स्वैच्छिक है. आपकी इच्छा पर निर्भर करता है कि आप वैक्सीन लेना चाहते हैं या नहीं. पटना जिले में अब तक के 43000 स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ है.
16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है. 17 सेंटरों पर इसकी शुरुआत हो चुकी है. जिला प्रशासन ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक 67 सेंटरों पर अब वैक्सीनेशन होने लगा है. सोमवार को राज्य में 10283 स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाने का टारगेट था लेकिन इनमें से मात्र 4913 ही वैक्सीन ले पाए.
मंगलवार को 8289 स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन देना था लेकिन 4477 ही वैक्सीन लेने के लिए आए मंगलवार को आए. लगभग 54 फ़ीसदी स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन ली. प्रशासन ने जो तैयारी की है उसके मुताबिक के 6 फरवरी तक स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगा देनी है, लेकिन अब तक के आंकड़े बताते हैं कि स्वस्थ कर्मियों को वैक्सीन लगाने का अभियान शत-प्रतिशत सफल नहो पाएगा इसमें संदेह है. आईजीआईएमएस के कुछ डॉक्टरों समेत स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लेने के बाद मंगलवार को मामूली साइड इफेक्ट देखने को मिला. वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों को ठंड लगने लगी और खुजली भी होने लगी. इन सभी को वैक्सीन के साइड इफेक्ट आने के बाद प्राथमिक इलाज के लिए रखा गया. अस्पताल के मुताबिक हल्का साइड इफेक्ट वाले कर्मी खतरे से पूरी तरह बाहर है और यह मामूली साइड इफेक्ट है.