कोरोना से मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट नाराज, आगे ऐसी गलती ना करने की दी चेतावनी

कोरोना से मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट नाराज, आगे ऐसी गलती ना करने की दी चेतावनी

PATNA : बिहार में कोरोना से हुई मौत के मामलों को लेकर अब सरकार की फजीहत पटना हाईकोर्ट में हुई है। पटना हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण के मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार को चेतावनी दे डाली है। राज्य में कोरोना संक्रमण से हुई मौत के आंकड़े पर नाराजगी जताते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोर्ट इस बारे में सरकार से जानकारी नहीं मांगता तो लोगों की मौत का सही आंकड़ा सामने नहीं आ पाता। हाईकोर्ट ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसी गलती भविष्य में ना हो। 


आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट में राज्य के मुख्य सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में सूबे के अंदर मौत का आंकड़ा 9375 बताया गया। कोर्ट को बताया गया कि मरने वालों की संख्या में गड़बड़ी होने के मामले में प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया गया है। सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 9375 है जबकि पटना में सबसे ज्यादा 2293 लोग कोरोना की वजह से मरे हैं। शिवहर जिले में मौत का आंकड़ा सबसे कम है। शिवहर में कोरोना वायरस से कुल 35 लोगों की जान गई है। 7 जून को मरने वाले लोगों की संख्या 5424 बताई गई थी। कोर्ट में यह बात सामने आई कि 8 जून को बक्सर जिले में मरने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या 180 थी जबकि 7 जून को यह आंकड़ा 83 ही बताया गया था। सरकार ने कहा है कि इस मामले में सिविल सर्जन को नोटिस किया जाएगा और जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।


उधर कोरोना से मौत के गलत आंकड़ों को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई। मुख्य सचिव के हलफनामे के बाद आईटी विभाग की तरफ से दायर हलफनामे में मरने वालों की संख्या कम बताए जाने को लेकर कोर्ट नाराज दिखा। राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने सरकार का बचाव करते हुए कोर्ट ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी और पोर्टल अपडेट नहीं हो पाने के कारण आंकड़ों में गड़बड़ी हो गई है। मौत के आंकड़े अचानक बढ़ने के मामले की जांच की जाएगी। महाधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि भविष्य में ऐसी गलती ना हो।