PATNA : दुनिया भर में कोरोनावायरस से लाखों लोगों की मौत हुई है. बिहार के अंदर कोरोना से पिछले 1 साल में लगभग डेढ़ हजार लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन राज्य के अंदर सड़क हादसों से होने वाली मौत का आंकड़ा कोरोना से मरे लोगों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है. जी हां बिहार में कोरोना से अब तक 15 से 35 लोगों की मौत 1 साल में हुई है जबकि सड़क हादसों में 6698 लोगों की मौत हो चुकी है.
आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बिहार में हाई क्वालिटी की सड़कों के बीच रफ्तार का कहर बढ़ता जा रहा है. सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार कंट्रोल में नहीं होने की वजह से लोगों की जिंदगी जा रही है. सड़क हादसों में मौत के मामलों की बात करें तो 2019 में कुल 7205 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट में हुई जबकि 2020 बीच में यह संख्या 6698 है. साल 2018 में 6729 लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई, जबकि 2017 में 5554 लोगों की जान सड़क हादसे में गई है.
बिहार के अंदर पिछले 11 सालों में सड़क हादसे में मौत के आंकड़े बेतहाशा बढ़े हैं. पिछले 11 सालों में राज्य के अंदर 61,765 लोगों की जान सड़क हादसे में जा चुकी है. यह आंकड़ा बहुत बड़ा है क्योंकि राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा लोगों की जान बिहार में रोड एक्सीडेंट से जा रही है. खास बात यह है कि साल 2020 में सड़क हादसों से मौत के मामलों की संख्या उस परिस्थिति में ज्यादा है जब राज्य के अंदर लॉकडाउन लगा हुआ था. महीनों तक बिहार की सड़कें सुनसान थी ट्रैफिक के परिचालन बंद थे. इसके बावजूद बीते साल बिहार में सड़क हादसे की संख्या 8639 रही. इन हादसों में 6698 लोगों की मौत हुई और 7019 लोग घायल हुए. बिहार सरकार ने सड़क हादसों की बढ़ती हुई तादाद को देखते हुए अब एक बड़ा फैसला भी किया है, सड़क एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर का लाइसेंस और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का फैसला किया गया है.