कोरोना काल में चुनाव आसान नहीं, आयोग ने जो अबतक सोचा नहीं उसकी प्लानिंग करनी पड़ रही

कोरोना काल में चुनाव आसान नहीं, आयोग ने जो अबतक सोचा नहीं उसकी प्लानिंग करनी पड़ रही

PATNA : देश में कोरोना संक्रमण फुल स्पीड के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में आयोग लगातार तैयारी में जुटा है. कोरोना काल में चुनाव आयोजित करना आयोग के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है. आयोग ने जो अब तक सोचा नहीं उसके लिए प्लानिंग करनी पड़ रही है. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पोस्टल बैलट से वोटिंग के नियमों में बड़ा बदलाव किया था उसी वक्त तय हो गया था कि बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह बदलाव किया गया है और अब आयोग ने भी इस नई व्यवस्था को अपनाने का फैसला किया है. 

राज्य में 65 साल से ज्यादा उम्र के 59 लाख वोटर पोस्टल बैलेट के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. पिछले दिनों कानून मंत्रालय ने इसके लिए नियमों में बदलाव किया था. इस दायरे में दिव्यांग मतदाताओं को भी ले गया है. साथ ही साथ कोरोना संक्रमण वाले मतदाता भी पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग कर पाएंगे. हालांकि इसके लिए आयोग में कई शर्ते भी रखी हैं.

आयोग में कोरोना संक्रमि के लिए जो शर्त रखी है उसके मुताबिक ऐसे वोटर जिनकी किसी सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस की हो और फिर रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो वह पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर पाएंगे. साथ ही साथ वह वोटर जो कोरोना के कारण होम क्वॉरेंटाइन या किसी कम्युनिटी क्वारंटाइन सेंटर में है उन्हें भी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान का अधिकार होगा. हालांकि इसके लिए उन्हें सक्षम प्राधिकारी से प्रमाण पत्र लेना होगा.


निर्वाचन विभाग के अनुसार आरपी एक्ट 1951 की धारा 60 में कुछ लोगों को वोटिंग के लिए छूट दी गई है. इसके तहत स्पेशल वोटर सर्विस पोर्टल निर्वाचन कार्य में लगे वोटर्स और प्रीवेंटिव डिटेंशन में बंद वोटर पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर सकते हैं. लेकिन इसमें पिछले दिनों से संशोधन किया गया है. इस संशोधन के बाद 65 साल से ज्यादा उम्र के वोटर और साथ ही साथ कोरोना संक्रमित आशंका वाले मतदाता भी पोस्टल बैलट का इस्तेमाल कर पाएंगे. बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर यह आयोग का बड़ा फैसला है. चुनाव की तैयारी अपने रफ्तार से आगे बढ़ रही है. लेकिन क्या कोरोना की रफ्तार को मात दे पाएगा यह आने वाला वक्त बताएगा.