कोरोना संक्रमित शख्स इलाज के दौरान हो गया लापता, अस्पताल ने पत्नी को कहा- आपके पति का अंतिम संस्कार भी हो गया है

कोरोना संक्रमित शख्स इलाज के दौरान हो गया लापता, अस्पताल ने पत्नी को कहा- आपके पति का अंतिम संस्कार भी हो गया है

DESK : कोरोना संकट के दौर में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमित उसका पति अस्पताल से लापता है, जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उसके पति की मौत हो चुकी है. इस अजीबोगरीब मामले के बारे में लोगों को तब पता चला जब इस महिला ने ट्वीट कर  तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामाराव से इस मामले में मदद मांगी.

क्या है पूरा मामला 
दरअसल, हैदराबाद की वनस्थलीपुरम कॉलोनी में रहने वाली आलमपल्ली माधवी का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित था. ये खुद भी कोरोना से संक्रमित थी. इन सभी का इलाज गाँधी अस्पताल में चल रहा था. ठीक होने के बाद 16 मई को इनको अस्पताल से अपनी दोनों बेटियों के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया. लेकिन पति के बारे में पूछने पर अस्पताल के अधिकारियों ने बताया की वो अभी वेंटिलेटर पर हैं लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वह मर चुके हैं. इस घटना के बाद महिला ने ट्वीट कर पति के लापता मामले की जांच में मदद की मांग की है.

महिल ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया है आरोप

महिला के अनुसार उसके 42 वर्षीय पति को 27 अप्रैल को किंग कोठी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद 30 अप्रैल को गांधी अस्पताल ले जाया गया जहां उसका भी इलाज चल रहा था. लेकिन 16 मई को अधिकारियों ने कहा की वो वेंटिलेटर पर है, फिर बाद में कहा की उसकी मौत हो गई है. माधवी का कहना है की ऐसे कैसे हो सकता है कि अस्पताल के अधिकारी बिना उसके अनुमति के पति का अंतिम संस्कार कर दें. उसने पति के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन तक नहीं किये, नहीं अस्पताल के अधिकारी अंतिम संस्कार का कोई वीडियो, फोटो या उनके किसी सामान का कोई सबूत दिखा पाये हैं. 

अस्पताल ने आरोपों को गलत बताया

अस्पताल का कहना है की महिला के पति को 30 अप्रैल को गांधी अस्पताल ले जाया गया था. जहां उनके पति का एक मई को देहांत हो गया था और 2 मई को उनके दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई थी. अंतिम संस्कार की विधि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) के अधिकारियों द्वारा उनके  परिवार के सदस्यों को सूचित करने के बाद कर दी गई थी. माधवी के परिवार के साथ सहानुभूति रखते हुए अस्पताल के अधीक्षक डॉ एम राजा राव ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को बदनाम करना गलत है, अपने जीवन को खतरे में डालकर वो सैकड़ों कोरोना मामलों का इलाज कर रहे हैं.