कोरोना पर नीतीश के दावे की पोल खुली: केंद्र सरकार ने बिहार में कोविड की कम जांच पर चिंता जतायी, टेस्ट की संख्या बढ़ाने को कहा

कोरोना पर नीतीश के दावे की पोल खुली: केंद्र सरकार ने बिहार में कोविड की कम जांच पर चिंता जतायी, टेस्ट की संख्या बढ़ाने को कहा

PATNA: बिहार में कोरोना के विस्फोट के बावजूद कोविड की जांच कम हो रही है. ये दीगर बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार दावे कर रहे हैं कि सूबे में रिकार्ड संख्या में कोरोना की जांच हो रही है. लेकिन केंद्र सरकार इस दावे से सहमत नहीं है. केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को चिट्ठी लिख कर कोविड-19 टेस्ट की संख्या तत्काल बढ़ाने को कहा है।


दरअसल, देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों में नया वैरिएंट ओमिक्रॉन ज्यादा पाया जा रहा है. ओमिक्रॉन के बढते मामलों के बीच कई राज्य सरकारों द्वारा पर्याप्त टेस्टिंग नहीं कराने की जानकारी मिली थी. इसके बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है. केंद्र ने ऐसे 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पहचान की है जहां कोविड के मामले लगातार मामले बढ़ने के बावजूद कम संख्या  जांच हो रही है।


 इसके बाद केंद्र सरकार ने पत्र भेजकर न सिर्फ चिंता जतायी है बल्कि उन सभी राज्यों को चेतावनी देते हुए कोविड-19 टेस्ट की संख्या तत्काल बढ़ाने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार ने जिन राज्यों में कोविड की कम टेस्टिंग पर नाराजगी जतायी है उनमें बिहार भी शामिल है. 


बिहार के साथ साथ उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, मिजोरम, मेघालय और ओडिशा सरकार को केंद्र सरकार की ओर से पत्र भेजा गया है. केंद्र ने जिन 9 राज्यों को कम टेस्टिंग पर चेतावनी दी है उनमें से 4 में अगले दो महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक केंद्र सरकार में अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव आरती आहूजा की तरफ से लिखे गए पत्र में इन राज्यों में कोविड-19 टेस्टिंग में बड़े पैमाने पर गिरावट आने को लेकर चेतावनी दी गई है. केंद्र सरकार ने कहा है कि नए मामलों और पॉजिटिव रेट के तेजी से बढ़ने के बावजूद टेस्टिंग में कमी आना बड़ी चिंता का विषय़ है. केंद्र सरकार की चिट्ठी में कहा गया है कि पर्याप्त टेस्टिंग नहीं होने के कारण कम्युनिटी लेवल पर इन्फेक्शन के फैलने का सही आंकड़ा हासिल नहीं हो पा रहा है.