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1st Bihar Published by: Updated Thu, 23 Jul 2020 06:52:13 AM IST
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PATNA : कोरोना को लेकर देशभर में भारी फजीहत के बाद नीतीश सरकार की नींद टूट रही है. पटना के कोरोना अस्पतालों में डॉक्टरों के गायब रहने की लगातार खबरों पर एक्शन में आयी सरकार ने अब नया फरमान जारी किया है. दोनों अस्पतालों के कोविड वार्ड में अब सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे, जिनसे डॉक्टरों-नर्सों के साथ साथ मरीजों की निगरानी होगी. डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे हर दिन कम से कम 6 दफे कोरोना वार्ड में विजिट करें.
गायब रह रहे हैं डॉक्टर
दरअसल पटना में कोरोना के डेडिकेटेड अस्पताल NMCH से लगातार शिकायतें आ रही थीं. कोई सीनियर डॉक्टर ड्यूटी नहीं कर रहा था. सारा काम नर्स और कुछ जूनियर डॉक्टरों के जिम्मे था. नर्स और जूनियर डॉक्टर भी वार्ड से गायब रह रहे थे. ऐसे में मरीज तड़प तड़प कर मर रहे थे. हाल ये था कि मौत के डेड बॉडी उठाने वाला भी कोई नहीं था.
केंद्रीय टीम के दौरे के बाद एक्शन में सरकार
सरकार की इन्हीं विफलताओं को लेकर बिहार दौरे पर आयी केंद्रीय टीम ने नाराजगी जतायी थी. इसके बाद एक्शन में आयी बिहार सरकार ने एनएमसीएच के अधीक्षक को हटा दिया था. बुधवार की शाम पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने एनएमसीएच में चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की. आयुक्त ने एनएमसीएच की नारकीय स्थिति को सुधारने के लिए कई फरमान जारी किये.
कोरोना संक्रमितों का इलाज बेहतर तरीके से सुनिश्चित करने के लिए अब एनएमसीएच के प्रत्येक वार्ड की जवाबदेही वरीय डॉक्टरों को सौंपी जाएगी. हर वार्ड के लिए एक डेडिकेटेड टीम रहेगी जो मरीजों की देखरेख करेगी. वार्ड में दिनभर कम से कम छह बार डॉक्टर विजिट कर मरीजों का इलाज करेंगे. डॉक्टरों की टीम 24 घंटे वार्ड में मौजूद रहेगी. आयुक्त संजय अग्रवाल ने एनएमसीएच में डॉक्टरों की ड्यूटी के समय को कम करने का निर्देश दिया है. दरअसल पीपीई किट पहनकर बहुत देर रहना संभव नहीं हो पाता है. आयुक्त ने कहा कि ऐसे में आठ घंटे के बदले एक डॉक्टर की चार से छह घंटे की ड्यूटी दी जाये.
सीसीटीवी से होगी डॉक्टरों-नर्स और मरीजों की निगरानी
आयुक्त ने बताया कि एनएमसीएच और पीएमसीएच में क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं. इससे हर वार्ड की कंट्रोल रूम से निगरानी की जा सकेगी. संजय अग्रवाल ने दावा किया कि एनएमसीएच के आइसीयू वार्ड को बेहतर बनाने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. 165 बेड तक ऑक्सीजन के पाइप पहुंचा दिये गये है. बाकी बचे बेड तक भी पाइप पहुंचाने का काम शुरु कर दिया गया है. सभी वार्डो में इंटरकॉम लगाने की व्यवस्था भी की जा रही है.
अब वार्ड में नहीं पड़े रहेंगे शव
दरअसल एनएमसीएच में मरीज की मौत के बाद शव वार्ड में ही पडा रह जा रहा था. इसके कई वीडियो भी वायरल हुए हैं जिससे सरकार की भारी फजीहत हुई है. आयुक्त ने दावा किया कि डेड बॉडी के डिस्पोजल को लेकर आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. इसके लिए मजदूरों को प्रति डेड बॉडी 500 रुपये का अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाएगा. ट्रांसपोर्टेशन के लिए अतिरिक्त वाहन के साथ ही बांस घाट पर 24 घंटे शवदाह की व्यवस्था की गई है.
आयुक्त संजय अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने पीएमसीएच को 25 और वेंटीलेटर उपलब्ध कराये हैं. उन्हें इंस्टॉल किया जा रहा है. सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि डॉक्टरों के लिए सुरक्षा किट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो. दरअसल पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने पीपीई किट से लेकर मास्क और ग्लब्स नही होने का आरोप लगाते हुए हंगामा ख़ड़ा कर दिया था.