DESK: जिस व्यक्ति की मौत कोरोना से हो गयी थी। वह अचानक दो साल बाद घर लौट आया है। अपने सामने मृतक कमलेश को देख उसके परिवारवाले भी हैरान रह गये। उन्हें जरा भी विश्वास नहीं हो रहा था कि सामने खड़ा शख्स कमलेश ही है। जब कमलेश ने पूरी बात बतायी तब जाकर परिजनों को यकीन हुआ जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने कमलेश को गले से लगा लिया और अपनी खुशी का इजहार किया।
परिजनों ने बताया कि पोलीथीन में लिपटे होने के कारण शव की पहचान कर पाना संभव नहीं था डॉक्टरों के कहने पर वे कमलेश का शव मान लिये और कोविड गाईडलाइन का पालन करते हुए शव का दाह संस्कार बड़ौदा में कर दिया। जबकि असल बात तो यह था कि कमलेश का अपहरण अहमदाबाद के एक गिरोह ने कर लिया था।
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर जो 2021 में आई थी उस वक्त 30 साल के शादीशुदा कमलेश की मौत हो गयी थी। कोरोना की वजह से परिवारवालों ने उसका मुंह तक नहीं देखा। यहां तक की कमलेश की लाश भी परिजनों को नहीं सौंपी गयी थी। नियम के अनुसार घरवालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। कमलेश की मौत के बाद घर में परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। खासकर उसकी पत्नी का हाल बेहाल हो गया था। घर का हर सदस्य कमलेश की मौत की वजह से काफी सदमें में थे।
तभी दो साल बाद कमलेश घर के बाहर खड़ा होकर घरवालों को आवाज देने लगा। कमलेश की आवाज घरवालों के कानों तक गया तो एक पल के लिए लोग विश्वास नहीं कर पाए। फिर जब घर के बाहर निकले तो सामने कमलेश खड़ा था। कमलेश की आंखों से निकले आंसू को देख परिजनों के आंख भी भर गये। उसके बाद घरवालों ने उसे सीने से लगा लिया। कमलेश के घर आने के बाद परिवार वालों में खुशी का माहौल है। आस-पड़ोस के लोगों को जब इस संबंध में पता चला तब कमलेश से मिलने उसके घर पहुंच गये।
कमलेश ने अपने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी। बताया कि कैसे वह एक गिरोह के चंगुल में फंसा हुआ था। अहमदाबाद में उसे हर रोज नशीला इंजेक्शन लगाकर रखा जाता था। लेकिन लोगों की क्या मंशा थी यह उसे भी पता नहीं चल सका। एक दिन वह जान बचाकर किसी तरह वहां से निकला और एमपी पहुंचा। मध्यप्रदेश के बदनावर स्थित घर के दरवाजे पर जब कमलेश को खड़ा घरवालों ने देखा तो खूशी से झूम उठे। वही अपने पति को सामने देख पत्नी के आंखों से खूशी के आंसू निकलने लगे। पूरा इलाका कमलेश की सकुशल वापसी से खुश है।