1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 May 2020 06:57:01 PM IST
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PATNA : देश में कोविड-19 का संक्रमण तेजी से बढ़ते जा रहा है. एम्स के प्रबंधक ने बड़े खतरे का संकेत पहले ही दे दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी देने को लेकर नये दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सरकार की ओर से कहा गया है कि अब सभी कोरोना मरीजों का दुबारा टेस्ट कराना जरूरी नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइंस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइंस के मुताबिक बहुत हल्के, हल्के और मामूली लक्षण वाले रोगियों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार बिना कोविड परीक्षण के छुट्टी दे दी जाएगी. कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती कराए गए बहुत हल्के, हल्के और पूर्व लक्ष्ण वाले लोगों के तापमान और रक्त में ऑक्सीजन अवशोषण पर नियमित नजर रखी जाएगी. लक्षण दिखने के 10 दिन बाद और तीन दिन से बुखार नहीं रहने पर कोरोना मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जायेगा.
दुबारा टेस्ट की जरूरत नहीं
मंत्रालय ने कहा है कि डिस्चार्ज करने से पहले इनके दुबारा टेस्ट की जरूरत नहीं होगी. ऐसे रोगियों को अगले सात दिन तक घर में अलग रहने की सलाह दी जाएगी. अगर बुखार, खांसी या सांस लेने में फिर कठिनाई होती है तो उन्हें कोविड देखभाल केंद्र या राज्य हेल्पलाइन नम्बर या 1075 पर संपर्क करना होगा.
मध्यम लक्षण वाले को दस दिन बाद मिलेगी छुट्टी
सरकार की ओर से जारी नए नियमों के अनुसार मध्यम लक्षण वाले रोगियों के तापमान और ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता पर नजर रखी जाएगी. अगर बुखार तीन दिन में ठीक हो जाता है और अगले चार दिन तक रोगी में ऑक्सीजन अवशोषण स्तर 95 प्रतिशत से अधिक बना रहता है तो रोगी को लक्षण उभरने के दस दिन बाद छुट्टी दे दी जाएगी.
गंभीर रोगियों को पूरी तरह ठीक होने पर मिलेगी छुट्टी
ऑक्सीजन पर रखे गए जिन रोगियों का बुखार तीन दिन में नहीं उतरता है और वेल्टीनेटर पर रहने की जरूरत बनी रहती है, तो उन्हें रोग के लक्षण पूरी तरह समाप्त होने और लगातार तीन दिन तक स्वाभाविक ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता बने रहने पर डिस्चार्ज किया जायेगा. गंभीर रोगियों को उनके पूरी तरह स्वस्थ होने और आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी.
ICMR ने शुरू किया नया ट्रायल
उधर, दूसरी ओर आईसीएमआर ने “फेज- II ओपन-लेबल, रैन्डॉमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल” शुरू कर दिया है. ताकि नियंत्रित रोग में कोविड-19 से संबंधित जटिलताओं को सीमित करने में कान्वलेसन्ट प्लाज्मा की सुरक्षा और प्रभाव का जायजा लिया जा सके. इस रिसर्च को 29 अप्रैल को कोविड-19 नेशनल एथिक्स कमेटी (सीओएनईसी) की मंजूरी मिल चुकी है. आईसीएमआर ने प्लैसिड ट्रायल के 21 संस्थानों का चयन किया है. इनमें महाराष्ट्र के 5, गुजरात के 4, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 2-2 अस्पताल और पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना और चंडीगढ़ का एक-एक अस्पताल शामिल हैं.