सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें... Bihar Crime News: बिहार में पंचायत के दौरान खूनी खेल, गोली मारकर युवक की हत्या; गोलीबारी से दहला इलाका Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा? Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा?
1st Bihar Published by: ALOK KUMAR Updated Wed, 12 May 2021 10:03:28 AM IST
- फ़ोटो
BETTIAH : बिहार में कोरोना संक्रमण से स्थिति दिन प्रतिदिन और भयानक होती जा रही है. हर दिन एक के बाद एक दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. इसके अलावा लोगों में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी नाराजगी भी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में बेतिया से एक ऐसा मामला सामने आया जिसे जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंशा टोला के रहने वाले पेशे से ड्राइवर 55 वर्षीय फखरू जमा की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई. मौत के बाद जब अस्पताल में किसी भी कर्मचारी ने शव नहीं छुआ तो बेटी ने खुद अपने पिता का शव पैक किया.
बताया जा रहा है कि मृतक के परिजन काफी समय से शव को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार सौंपने की मांग कर रहे थे. अस्पताल में फखरू जमा की पत्नी, बेटी रेशमा परवीन और पुत्र मो. शिबू मौजूद थे. लगभग छह घंटे तक इंतजार के बाद भी अस्पताल प्रशासन में कोई सुगबुगाहट नहीं देख रेशमा परवीन खुद जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम में पहुंचीं. वहां पहुंचकर उन्होंने शिकायत दर्ज करायी तो अस्पताल के कर्मियों ने उन्हें शव पैक करने वाला बैग और पीपीई किट थमा दिया.
रेशमा ने अपने भाई मो. शिबू के सहयोग से पिता के शव को बैग में पैक किया. फिर डेडबॉडी को स्ट्रेचर पर रखकर नीचे ले आयी. उसके बाद दोनों भाई- बहनों ने मिलकर शव को एम्बुलेंस में रखा. रेशमा ने बताया कि वे लोग सुबह पांच बजे से परेशान थे. यहां अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं था. मरीज और उनके परिजनों की परेशानियों से अधिकारियों का कोई लेना-देना नहीं है. अंत में थक कर हमलोगों ने खुद अपने पिता के शव को अस्पताल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बैग में पैक किया.
अब सरकारी एम्बुलेंस से शव को अपने घर मंशा टोला ले जा रहे हैं. वहां कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया जाएगा. इधर, इस बाबत पूछे जाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रमोद तिवारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी पत्रकारों द्वारा ही मिली है. वे खुद मामले की जांच करेंगे. बता दें कि बेतिया में कोरोना का संक्रमण थम नहीं रहा है. जिले में अब तक लगभग 200 से ज्यादा लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है.