DELHI : कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश में लागू किया गया लॉकडाउन अपने अंतिम दौर में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया था लेकिन 20 अप्रैल से ही उसमें छूट दी जाने लगी। अब यह माना जा रहा है कि लॉक डाउन को धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में केंद्र सरकार आगे बढ़ेगी लेकिन लॉकडाउन से देश को बाहर निकालना इतना आसान भी नहीं होगा। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि लॉकडाउन से निकलना बेहद जोखिम भरा काम है और इसमें सावधानी बरतने की पूरी आवश्यकता होगी।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण देश में 10 करोड़ नौकरियां खत्म होने की आशंका है। हालात ऐसे हो चुके हैं कि लॉकडाउन को अर्थव्यवस्था के नजरिए से बहुत सतर्कता के साथ खोलना होगा। रघुराम राजन ने कहा है कि गरीबों की मदद के लिए सरकार को तकरीबन 65 हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी और भारत में हर दिन 20 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस का टेस्ट कराना होगा।
रघुराम राजन ने कहा है कि अब वह दौर आ चुका है कि सरकार अपनी प्राथमिकताएं तय करें। हमारे पास संसाधन सीमित है और वित्तीय संसाधन पश्चिमी देशों के मुकाबले बेहद कम। ऐसे में अब निर्णय लेना होगा कि हम वायरस की लड़ाई और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जंग साथ साथ लड़ें।