PATNA : बिहार सरकार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक समान काम समान वेतन और समान सेवा शर्त लागू करने की मांग को लेकर 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं। इस बीच कोरोना संकट के कारण नियोजित शिक्षकों के वेतन में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना पर संशय की स्थिति बन गयी है। शिक्षकों को अब 10 से 15 फीसदी वेतन वृद्धि से ही संतोष करना पड़ सकता है।
बिहार सरकार लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी की योजना बना रही थी। माना जा रहा था कि चुनावी साल में शिक्षा विभाग में नियोजित शिक्षकों के वेतन में 20 से 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की जा सकती है। लेकिन, कोरोना के कारण चौतरफा आर्थिक संकट के बाद अब माना जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों के वेतन में 10 से 15 प्रतिशत ही बढ़ोतरी होगी।
विधानमंडल के बीते बजट सत्र में सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन बढ़ाने की बात कही थी। शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने नियोजित शिक्षकों को भरोसा भी दिया था कि सेवा शर्त जल्द लागू की जाएगी। माना जा रहा है कि सामान्य होनेे पर जून-जुलाई तक वेतन बढ़ोतरी व सेवा शर्त लागू करने की सरकार घोषणा कर दे।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक पहले जो तैयारी थी, उसकी तुलना में वेतन में कम बढ़ोतरी होगी। हालांकि, आने वाले दिनों में आर्थिक स्थिति में सुधार होने पर अनुमानित बेहतर बढ़ोतरी हो सकती है। अभी राज्य में प्राथमिक से लेकर नियोजित शिक्षकों को सातवां वेतनमान मिलने के बाद 25 से 32 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने पर 29 से 37 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।