PATNA : कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं बिहार को केंद्र सरकार से बड़ी मदद मिली है। केंद्र सरकार ने बिहार को हेल्थ इक्विपमेंट्स की नई खेप मुहैया कराई है जिसमें बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर और रेपिड एंटीजन टेस्ट किट शामिल हैं। केंद्र ने बिहार को 1900 ऑक्सीजन सिलेंडर और 10,000 रेपिड एंटीजन टेस्ट किट मुहैया कराया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने खुद इसकी जानकारी दी है। मंगल पांडे ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया है। इसके साथ ही बिहार सरकार ने 1.8 लाक रेपिड एंटीजन टेस्ट किट मंगाया है और इन्हें सभी जिलों में भेज भी दिया गया है। अब पीएचसी में कोरोना जांच की सुविधा मिल पाएगी। रेपिड एंटीजन टेस्ट किट के जरिए कोरोना की जांच तेजी के साथ संभव हो पा रही है। बिहार में जांच की संख्या जैसे-जैसे बढ़ेगी वैसे-वैसे संक्रमण के दायरे के बारे में जानकारी मिलेगी। बिहार में कोरोना संक्रमण बेकाबू हालात में है और सरकार के लिए यही परेशानी का सबब है।
बिहार दौरे से लौटी केंद्रीय टीम ने राज्य में हालात पर रिपोर्ट दी थी।
बिहार दौरे से लौटी केंद्रीय टीम ने जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी है उसमें बिहार के अंदर डेथ रेशियो यानी मृत्युदर बढ़ने की आशंका जताई गई है। केंद्रीय टीम ने माना है कि बिहार में कोरोना जांच की रफ्तार सबसे धीमी है। भारत के अंदर सबसे कम कोरोना टेस्ट बिहार के अंदर हुए हैं जिसकी वजह से यहाँ मृत्यु दर महज 0.69 फ़ीसदी है। अगर टेस्ट की रफ्तार आगे नहीं बढ़ाई गई तो संक्रमण बेहद खतरनाक असर पर फैल सकता है। जांच की धीमी रफ्तार और कोरोना का बहता संक्रमण मृत्यु दर में अचानक से उछाल ला सकता है और यह बात बिहार को भारी पड़ सकती है। केंद्रीय टीम में शामिल केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ एस के सिंह और एम्स दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल शामिल थे। इन तीनों ने 19 और 20 जुलाई को बिहार में कोरोना संक्रमण के हालात का जायजा लिया था। पटना से लेकर गया तक के कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया था। पटना के एनएमसीएच में जांच की रफ्तार और कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट को लेकर विस्तार से जानकारी ली थी।