कांग्रेसी नेताओं को सोनिया का जवाब... मैं ही हूं पार्टी की स्थायी अध्यक्ष, मुझसे डायरेक्ट बात करें, मीडिया के जरिए नहीं

कांग्रेसी नेताओं को सोनिया का जवाब... मैं ही हूं पार्टी की स्थायी अध्यक्ष, मुझसे डायरेक्ट बात करें, मीडिया के जरिए नहीं

DELHI : इस वक्त एक बड़ी खबर राजधानी दिल्ली में अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से आ रही है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से सोनिया गांधी का एक बड़ा बयान निकल कर सामने आया है. सोनिया ने खुद को फुलटाइम अध्यक्ष बताया है. बैठक में बागी नेताओं को दो टूक जवाब देते हुए सोनिया ने कहा है कि "मैं पूर्णकालिक अध्यक्ष हूँ. मैं चाहूंगी कि आप लोग सीधे मुझसे बात करें."


कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस बड़े बयान के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बहस पर फिलहाल विराम लग गया है. सोनिया ने स्पष्ट और कड़े शब्दों में यह क्लियर कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी की बागडोर उनके हाथों में है. बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि "अगर आप अनुमति दे तो मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं कांग्रेस पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हूँ. मैं चाहूंगी कि आप लोग सीधे मुझसे बात करें. मैंने हर मामले को गंभीरता से सुना और सुलझाया है. इसलिए मीडिया के जरिए उनसे बात करने की जरूरत नहीं है."



सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि "पूरा संगठन कांग्रेस का पुनरुद्धार चाहता है. लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है. सबसे बढ़कर, इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता है. पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है. चाहें वह किसानों का मुद्दा हो, महामारी के दौरान राहत पहुंचाना हो या फिर युवाओं व महिलाओं का मुद्दा हो."



गौरतलब हो कि कांग्रेस में स्थाई पार्टी अध्यक्ष का न होना उसके लिए परेशानी की वजह बन रहा है. पार्टी के अंदर ही इसको लेकर विरोध के शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया था कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं हैं. फैसले कौन ले रहा है, मालूम नहीं है. कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी. यहां तक कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और आतंरिक मामलों पर चर्चा की जाए. 



आपको बता दें कि कांग्रेस को कई राज्यों में अंदरुनी कलह के चलते संकट का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते बीते एक साल में कई बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं या दूरी बना चुके हैं. राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले साल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए, तो इस साल जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए हैं.