1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Nov 2021 02:27:03 PM IST
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PATNA : जहरीली शराब से बिहार में हो रही लगातार मौतों के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर अब कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि शराबबंदी कानून और उसके नियमों की समीक्षा की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि हम शराबबंदी के पक्षधर जरूर हैं लेकिन अगर यह कानून बिहार में फेल हो चुका है तो मुख्यमंत्री को इस बारे में उचित कदम उठाना चाहिए।
कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि जहरीली शराब से लोगों की मौत बेतिया और गोपालगंज में हो गई। यह सरकार की विफलता का परिणाम है कि बिहार में लगातार जहरीली शराब से मौतें हो रही हैं। ऐसे में शराबबंदी कानून को कैसे सफल माना जा सकता है? कांग्रेस नेता कहा कि मंत्री इस मामले में गलतबयानी कर रहे हैं। हकीकत यह है कि सरकार शराब के अवैध कारोबार को रोक पाने में विफल रही है। प्रेमचंद्र मिश्रा ने पूछा है कि बिहार में जिन लोगों की मौत शराब से हो गई, उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है?
कांग्रेस एमएलसी ने कहा है कि नीतीश सरकार का दावा करती है कि बिहार में शराबबंदी कानून तोड़ने को लेकर तीन लाख लोगों की गिरफ्तारी हुई। अगर तीन लाख लोग गिरफ्तार किए गए तो बिहार में किन जेलों के अंदर इनको बंद रखा गया? बिहार में जेलों की क्षमता कितनी है यह बात सबको पता है। ऐसे में तीन लाख लोग जो केवल शराबबंदी कानून के उल्लंघन में गिरफ्तार किए गए उन्हें कहां रखा गया सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए। प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि सरकार जो दावे कर रही है वह जनता के गले के नीचे नहीं उतर रही। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाय।