PATNA : बिहार में शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान चला रहे हैं. नीतीश कुमार अपने शराबबंदी कानून को महात्मा गांधी के विचारों से जोड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने नीतीश के शराबबंदी कानून को अदूरदर्शी करार दिया है. जस्टिस रमना ने कहा कि इसके कारण कोर्ट में मुकदमों का ढेर लग गया है.
अब इसी को लेकर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है. राजद नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराब का बोतल पकड़ने के लिए बिहार में टूर कर रहे हैं. लोग हंस रहे हैं कि बिहार असेंबली में खाली शराब की बोतलें मिल रही है. और बिहार के शीर्ष पदाधिकारी डीजीपी और नीतीश बाबू शराब की बोतल ढूंढने में लगे हैं.
शिवानंद तिवारी ने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा कि यह भी एक तरह की मानसिक बीमारी है और मुझे लगता है नीतीश कुमार के अंदर जो नशा है वह शराब से भी ज्यादा खतरनाक है. बिहार गरीब राज्य है. नीतीश इस पर इतना बोझ डाल रहे हैं. सारे बड़े अधिकारी इनके पीछे पीछे दौड़ रहे हैं.
शिवानंद तिवारी ने जस्टिस रमना के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि न्यायालयों पर पहले से इतना बोझ है तीन लाख मुकदमा पेंडिंग है. लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है, फैसले लंबित पड़े है. और अब शराब के मुकदमे से यह बोझ और बढ़ गया है. राजद नेता ने कहा कि पटना के एक होटल में शराब के आरोप में लड़का लड़की पकड़े जाते हैं तो तुरंत उनको जेल भेज दिया जाता है. उनके भविष्य के बारे में भी नहीं सोचा जाता. यह सब काउंसलिंग का मामला है.
शिवानंद तिवारी ने कहा कि शराब मामले में सबसे ज्यादा गरीब ही पकड़े जाते हैं. बिहार में गरीबी दूर नहीं कर रहे हैं. सिर्फ शराब पकड़ने में लगे हैं. नीतीश कुमार का नशा शराब के नशे से भी खराब है. गरीब राज्य पर इतना बोझ बढ़ा दिए हैं.