PATNA: बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक के खिलाफ विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान मारपीट और हाथापाई की नौबत तक आ गई। पूरे मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह आश्चर्यजनक घटना है। सत्ता पक्ष के विधायक नियमों के मुताबिक काम करना चाह रहे थे लेकिन विपक्ष ने जो व्यवहार सदन के अंदर और बाहर किया वह कही से भी सही नहीं है। विपक्षी विधायक पहले विशेष सशस्त्र विधेयक के बारे में समझ लेते फिर उस पर चर्चा करते। लेकिन इस कानून को समझे बगैर ही हंगामा करने लगे। यही नहीं विपक्ष के विधायक द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाया गया और आसन को भी घेरा गया। सदन के अंदर जिस तरह का व्यवहार किया गया वो आज तक कभी नहीं किया गया था।
विधानमंडल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा से पारित हुए बिहार विशेष सशस्त्र कानून से लोगों को अवगत कराया जाएगा। इस संबंध में गृह विभाग को निर्देश दिया गया है कि एक प्रेस कॉन्फ्रेस आयोजित कर इस कानून के बारे में बताएं ताकि कोई गलतफहमी लोगों के बीच उत्पन्न ना हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि यह कानून लोगों के हित में है। यह कानून किसी को परेशान करने के लिए नहीं है बल्कि उनकी रक्षा के लिए बनाया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा को चलाना अध्यक्ष महोदय का काम है और विधान परिषद का संचालन करनाा सभापति महोदय का काम है। मंगलवार को सदन में हुए हंगामे पर उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार पर कार्रवाई का अधिकार स्पीकर साहब को है। विपक्ष ने अशांति फैलाने की जब कोशिश की थी तब विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की थी लेकिन इन्होंने उनकी नहीं सुनी और उनका घेराव कर दिया। सीएम नीतीश कुमार ने नव निर्वाचित विधायकों के ट्रेनिंग की बात की और कहा कि सदन के हर बातों की जानकारी उन्हें होनी चाहिए। सदन की कार्रवाही को चलने में सभी का सहयोग जरूरी है।