MOTIHARI : कोरोना महामारी के इस वक्त में सरकार के दावे बेमानी नजर आ रहे हैं. आम लोगों की बात तो छोड़िए सरकार और स्वस्थ्य विभाग अपने कर्मी को ही मास्क औक किट उपलब्ध कराने में विफल हो रही है. स्वास्थ्य कर्मी मास्क और सेफ्टी किट के लिए सिविल सर्जन की गाड़ी के नीचे सोकर जान देने को तैयार है. मामला मोतिहारी के सदर अस्पताल का है. जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने मास्क और सेफ्टी किट नहीं मिलने से आक्रोशित होकर जमकर हंगामा किया.
पूर्वी चंपारण में मास्क व सेफ्टी किट की मांग को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने सीएस कार्यालय पर जमकर हंगामा किया. वहीं सीएस की गाड़ी के नीचे सोकर कर्मियों ने जान देने की कोशिश की. सीएस व जनप्रतिनिधि के अथक प्रयास के बाद कर्मी गाड़ी के चक्के के पास से उठें. स्वास्थ्यकर्मियों का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन प्रशासन द्वारा दिये गए राशि की बंदरबांट कर लिया है. जो मास्क समाजसेवी व जनप्रतिनिधि द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दिया गया, उसे अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं देकर अपने सगा सम्बन्धियों को दे दिया है.
स्वास्थ्य कर्मचारी राकेश कुमार, संजय कुमार, प्रमोद कुमार के साथ ही अन्य ने बताया कि वे लोग जान पर खेलकर कोरोना महामारी में काम कर रहे है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वाथ्यकर्मियों को मास्क,पीपीआई किट,सेफ्टी किट तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. स्थानीय सांसद राधामोहन सिंह द्वारा तीन हजार मास्क दिया गया,राज्य सभा सांसद अखिलेश सिंह द्वारा राशि दी गई ,जिला प्रशासन द्वारा मास्क ,किट के लिए राशि मुहैया कराई गई. उसके बाद भी स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा मास्क और किट उपलब्ध नहीं कराई गई है.