PATNA : कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए भले ही बिहार में लॉकडाउन कर दिया गया हो लेकिन चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को पूरी रफ्तार दे रखी है। आयोग की प्लानिंग इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि अगर कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती है तो समय पर विधानसभा के चुनाव कराए जा सकें। कोरोना संकट को देखते हुए आयोग ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं जिनमें राज्य के अंदर 33000 सहायक मतदान केंद्र बनाए जाने का निर्णय भी शामिल है। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की तरफ से सहायक मतदान केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा जा चुका है।
निर्वाचन विभाग की तरफ से सभी प्रस्तावित सहायक मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन कराया गया है जिसके बाद प्रस्ताव चुनाव आयोग की सहमति के लिए भेजा गया है। मतदान केंद्रों के साथ सहायक मतदान केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव दिया है जहां एक हजार से अधिक के वोटर हैं। राज्य में अभी 73723 मतदान केंद्र हैं और नए सहायक मतदान केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद इनकी संख्या बढ़कर तकरीबन एक लाख 6 हजार 723 हो जाएगी।
वहीं आयोग की तरफ से निर्वाचित पदाधिकारियों को ट्रेनिंग देने का काम लगातार जारी है। विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचित पदाधिकारियों के तीसरे चरण का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। मास्टर ट्रेनर ने निर्वाचित पदाधिकारियों और उप निर्वाचन पदाधिकारियों को नामांकन, नामांकन पत्रों की जांच, नामांकन पत्रों की वापसी, मतगणना कार्य सहित अन्य प्रक्रियाओं की पूरी ट्रेनिंग दी है। आज यानी शुक्रवार को सभी निर्वाचित पदाधिकारियों की जांच परीक्षा ली जाएगी। पिछले दिनों हुई ट्रेनिंग के बाद आयोग निवासी पदाधिकारियों की परीक्षा के माध्यम से यह बात पुख्ता करेगा की ट्रेनिंग सही हुई है या नहीं। उधर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने गुरुवार को 65 साल से ज्यादा उम्र के वोटर्स को पोस्टल बैलट की सुविधा देने से मना कर दिया। आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि संक्रमण के बावजूद वह 80 साल से ज्यादा उम्र के वोटर्स को ही पोस्टल बैलट की सुविधा दे सकता है।