BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 08 May 2025 05:35:04 PM IST
कराची नाम पर विवाद - फ़ोटो google
HYDERABAD: हैदराबाद में इन दिनों एक प्रतिष्ठित बेकरी के नाम को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। जिस तरह हैदराबाद की बिरयानी फेमस है उसी तरह वहां की 'कराची बेकरी' का नाम भी प्रसिद्ध है। लेकिन अब ऑपरेशन सिन्दूर के बाद इस कराची बेकरी के नाम को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इसके नाम को लेकर शहर में लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कराची बेकरी का नाम बदलने को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि 'कराची' नाम पाकिस्तान के शहर से जुड़ा हुआ है। इसलिए भारत में इस नाम का उपयोग उचित नहीं है। लोगों का कहना है कि वर्तमान माहौल में ऐसे नाम देश की भावना के खिलाफ हैं और इसे तुरंत बदला जाना चाहिए।
इस विवाद के बीच, कराची बेकरी के मालिक ने सामने आकर स्थिति को स्पष्ट किया है और अफवाहों का खंडन करते हुए बताया कि यह बेकरी न तो पाकिस्तान से जुड़ी है और न ही इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि कराची बेकरी पूरी तरह एक भारतीय ब्रांड है, जिसकी स्थापना 1953 में उनके दादा खंचंद रामनानी ने हैदराबाद में की थी। उनके दादा विभाजन के समय पाकिस्तान के कराची शहर से भारत आए थे और यहीं उन्होंने यह बेकरी शुरू की थी। बेकरी का नाम 'कराची' केवल उनके पैतृक शहर की स्मृति से जुड़ा हुआ है, और इसका मौजूदा पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है।
कराची बेकरी के मालिक ने यह भी बताया कि कराची बेकरी पिछले सात दशकों से अधिक समय से भारत में अपनी सेवाएं दे रही है और यह ब्रांड भारतीय ग्राहकों की पसंदीदा बेकरी में से एक बन चुका है। उन्होंने कहा कि बेकरी का नाम बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, न कि किसी राजनीतिक एजेंडे का।
कराची बेकरी के मालिक ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की है कि वे इस भारतीय ब्रांड को राजनीतिक विवादों से अलग रखें और इसका समर्थन करें। उन्होंने कहा कि नाम बदलने की मांग इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को मिटाने जैसा होगा।
विवाद के बीच, बेकरी संचालकों ने अपनी दुकानों पर भारतीय तिरंगा फहराना शुरू कर दिया है, ताकि यह साफ तौर पर दिखाया जा सके कि कराची बेकरी भारत का हिस्सा है, न कि पाकिस्तान का। मालिक ने जनता से भी आग्रह किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और इस पुराने और भरोसेमंद भारतीय ब्रांड का समर्थन करें।