'रेवड़ी कल्चर' पर चुनाव आयोग सख्त, कहा- जनता से खोखले वादे न करें राजनीतिक दल

'रेवड़ी कल्चर' पर चुनाव आयोग सख्त, कहा- जनता से खोखले वादे न करें राजनीतिक दल

DELHI : बिहार समेत 6 राज्यों में उप चुनाव की घोषणा के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरीए आयोग ने कहा है सभी राजनीतिक दलों को कहा है कि वे अपने घोषणा पत्र में चुनावी वादों की सटीक जानकारी वोटर्स को दें। इसके साथ ही आयोग ने यह भी बताने को कहा है कि जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए राजनीतिक दल पैसा कहां से जुटाएंगे।


भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी चिट्ठी में सभी दलों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके द्वारा जनता से जो वादे किए जाते हैं वे कितने सही है और वोटर्स को बताने को कहा है कि उनके द्वारा किए गए वादे को पूरा करने के लिए राज्य या केंद्र सरकार के पास क्या प्लान है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इसपर 19 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं। आयोग ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि अगर राजनीतिक दल खोखले वादे कर रहे हैं तो हम इसपर आंख मूंदे नहीं रह सकते हैं।


हाल के दिनों में देशभर में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा वोटर्स को फ्री स्कीम का लाभ देने की घोषणा की गई थी। पंजाब चुनाव में आप ने 18 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को 1,000 रुपए महीना देने का वादा किया था जबकि शिअद ने हर महिला को 2,000 रुपए देने का वादा किया था। वहीं यूपी चुनाव में कांग्रेस ने घरेलू महिलाओं को 2000 रुपए प्रतिमाह देने और 12वीं की छात्राओं को स्मार्टफोन देने का वादा किया था। जबकि बीजेपी ने 2 करोड़ टैबलेट देने का वादा किया था। वहीं बिहार चुनाव में बीजेपी ने मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा की।


बता दें कि बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने फ्री स्कीम्स पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसपर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने 12 पन्नों के अपने हलफनामे में कहा था कि देश में समय और स्थिति के अनुसार फ्री सामानों की परिभाषा बदल जाती है। आयोग के इस रवैए पर कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी। 25 अगस्त को सुनवाई के बाद तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इसे नई बेंच में ट्रांसफर कर दिया था। अब चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।