JAMUI : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के नेता ताबड़तोड़ रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी जनसंपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है. गुरूवार को चिराग पासवान लोगों से मिलने नवादा पहुंचे, जहां उन्होंने नीतीश सरकार को निशाने पर लिया. चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार सभी मोर्चों पर फेल रही है. उनके द्वारा बनाई गई सभी नीतियां पूरी तरह से बिहार की जनता को समर्पित नहीं की जा सकीं और यही कारण है कि लोगों में नीतीश कुमार को लेकर आक्रोश है.
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पापा अक्सर बोला करते थे कि शेर का बच्चा होगा तो जंगल चीरकर निकलेगा, गीदड़ रहेगा तो मारा जाएगा. इसलिए मैं शेर का बच्चा हूं और जंगल चीर कर रहूंगा. चिराग पासवान ने कहा था कि वह पीएम के हनुमान हैं. इसपर एलजेपी प्रमुख ने बताया कि बीजेपी नेताओं से मेरे संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं.
चिराग ने कहा कि गिरिराज सिंह से भी हमारे व्यक्तिगत तौर पर अच्छे संबंध रहे हैं और मैं उन्हें अच्छे से जानता हूं. घंटों हमारी उनसे बात बिहार की राजनीति को लेकर होती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में गिरिराज सिंह क्या विचार रखते हैं. यह किसी से सभी से छिपा नहीं है. ज्यादा वक्त नहीं बीता है, जब खुद गिरिराज सिंह ने सीएम के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी. इसलिए सीएम को केवल खुश करने के लिए वह उनकी भाषा बोल रहे हैं.
पिता की मौत की राजनीति पर चिराग पासवान ने बताया कि वह इस बयान से अत्यंत दुखी हैं. अभी पिताजी को गुजरे हुए कुछ वक्त ही हुए हैं और लोगों के सामने मजबूती से आने के लिए मैं हिम्मत जुटाकर आया हुँ. लोगों को कम से कम इतना तो श्रेय देना चाहिए कि 38 साल का एक अकेला नवयुवक अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आया है और किसी भी पार्टी में इतनी हिम्मत क्यों नहीं है कि वह अकेले मैदान में चुनाव लड़ने के लिए आए.
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री में इतनी हिम्मत क्यों नहीं है कि वह अपने 15 साल के विकास कार्यों के दम पर अकेले चुनाव लड़ें. मैं तो भाजपा से भी सवाल करता हूं कि वह अकेले मैदान में क्यों नहीं आते हैं जबकि उनके पास नरेंद्र मोदी जैसे नेता हैं, जिनकी देश-दुनिया में पूछ होती है.
लोजपा प्रमुख ने कहा कि वह भाजपा से बस केवल इतना आग्रह करते हैं कि वे शब्दों की मर्यादा जरूर रखें. आखिर क्या ऐसे कारण हो गए कि कल तक जो नेता रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देते नहीं थक रहे थे और मेरा हौसला बढ़ा रहे थे. वे राजनीति करने पर उतारू हो गए हैं. जमुई के सांसद ने कहा कि मेरी भाजपा के किसी भी नेता से नाराजगी नहीं है, पर मैं दुखी हूं जिस वक्त मुझे सबसे ज्यादा इन लोगों का साथ चाहिए था. उसी वक्त उन लोगों ने मेरे ऊपर ऐसी बयानबाजी की. मैंने तो उस वक्त भी पीएम का साथ दिया था, जब मुख्यमंत्री उन्हें अकेले छोड़कर चले गए थे.