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1st Bihar Published by: Updated Sun, 02 Feb 2020 12:17:59 PM IST
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DELHI : कोरोना वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किये जाने के बाद भी चीन में कई बिहारी समेत भारतीय छात्र फंसे हैं. चीन के हाइकाउ के हेनान मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई पढ़ने गये कई बिहारी छात्रों ने FIRST BIHAR से संपर्क कर मदद मांगी है. लेकिन उनके वहां से निकलने की कोई सूरत फिलहाल नजर नहीं आ रही है. भारत सरकार का विदेश मंत्रालय भी उन छात्रों के लिए कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है.
बिहारी छात्रों ने जान बचाने की गुहार लगायी
चीन के हाइकाउ में फंसे तीन छात्रों ने शनिवार की रात हमसे संपर्क साधा है. उन्होंने बताया कि उनके सामने कोरोना वायरस का कहर खत्म होने का इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. चीन से भारत आने का कोई रास्ता नहीं बचा है. छात्रो ने भारत के दूतावास से संपर्क साधा है लेकिन वहां से भी कोई जानकारी नहीं दी गयी है.
छात्रों के मुताबिक हेनान मेडिकल यूनिवर्सिटी में भारत के लगभग 150 छात्र हैं. गनीमत ये थी कि यूनिवर्सिटी में सर्दी की छुट्टियां थी, लिहाजा ज्यादातर छात्र अपने घर पर थे. फिर भी 30 से ज्यादा भारतीय छात्र हेनान में मौजूद हैं. मेडिकल के सेकेंड इयर के छात्र दीपेन्दु ने बताया कि स्थानीय लोग बता रहे हैं कि उन्हें वापस लौटने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस का खतरा जल्द ही खत्म हो जायेगा. दीपेन्दु के मुताबिक जब कोरोना को ग्लोबल मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दिया गया तब उन्हें इसकी भयावहता का अंदाजा हुआ. उसके बाद यूनिवर्सिटी ने एलान किया कि फरवरी में क्लास शुरू नहीं की जायेगी. अब चीन से वापसी का कोई साधन नहीं मिल रहा है. हेनान से भारत की कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है और दूसरा कोई देश ट्रांजिट वीजा देने को तैयार नहीं है. हालांकि कोरोना वायरस के कहर के सेंटर वुहान से हेनान की दूरी लगभग 1500 किलोमीटर है. लेकिन हेनान में भी कोरोना वायरस से मौत का सिलसिला शुरू हो गया है. 27 जनवरी को कोरोना वायरस से प्रभावित एक महिला की मौत हो चुकी है.
कई बिहारी छात्र फंसे
हेनान मेडिकल यूनिवर्सिटी में भागलपुर का छात्र अलतमस अहमद भी फंसा है. अलतमस ने बताया कि उसने किसी तरह 4 फरवरी को भारत वापसी का एयर टिकट लिया है. “ हम अपने परिवार की मदद से यहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे कुछ साथी भारत के दूतावास पहुंच गये हैं. वहां उनसे कहा गया है कि वे संपर्क में रहें और कोई परेशानी होने पर जानकारी दें.”
अलतमस ने बताया “फिलहाल हम अपने डोरमेटरी में कैद हैं. हम पैकेटबंद खाना खा रहे हैं. मैं 4 फरवरी को चीन से मलेशिया जाने की कोशिश करूंगा ताकि वहां से कोलकाता या दिल्ली की फ्लाइट पकड़ सकूं.”
बिहार के एक अन्य छात्र ने बताया कि वो अपने कमरे में कैद है. स्थानीय प्रशासन ने इमरजेंसी की स्थिति में ही कमरे से बाहर निकलने को कहा गया है हम स्थानीय समाचार पत्रों में कोरोना वायरस से संबंधित खबरें पढ रहे हैं. अपने स्तर पर बचाव के लिए हम सर्जिकल मास्क का उपयोग कर रहे हैं.