CHHAPARA : किसी जिले में कोई डीएम अपनी पोस्टिंग के पहले ही दिन कपड़े के कारखाने में पहुंचे और खुद सिलाई मशीन चलाने लगे तो सोंचिये वहां के दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों का क्या हाल होगा. छपरा में आज ऐसा ही हुआ. छपरा में आज डीएम नीलेश रामचंद्र देओर ने ज्वाइनिंग के साथ ही अपनी प्राथमिकतायें बता दी.
नौकरी ज्वाइन करने के बाद पहुंचे कारखाना
दरअसल नीलेश रामचंद्र देओर की नयी पोस्टिंग सारण के जिलाधिकारी के रूप में हुई है. इससे पहले वे मधुबनी के डीएम थे. साऱण में आज योगदान करने के तुरंत बाद उन्होंने बिहार सरकार की नयी औद्योगिक नीति के तहत सारण के परसा में बने रेडीमेड वस्त्र निर्माण केंद्र का निरीक्षण करने का फैसला लिया. सरकारी अमला उस रेडीमेड कारखाने की ओर निकल पड़ा. परसा के चेतन गांव में डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन फंड से ये कारखाना लगा है. यहां स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.
डीएम साहब बोले-बचपन में सिखा था मशीन चलाना
सरकारी पहल से बने कारखाने में हो रहे काम को देखकर डीएम उत्साहित हो गये. फिर वे खुद एक सिलाई मशीन पर जा बैठे. वहां पहले से बैठे व्यक्ति को हटाया और खुद मशीन चलाना शुरू कर दिया. डीएम सिलाई मशीन चला रहे थे और उन्हें देख रहे लोग हैरान थे. नीलेश रामचंद्र देओर ने बताया कि बचपन में उन्होंने सिलाई मशीन चलाना सीखा था. वही याद है जिससे अभी भी मशीन चला ले पा रहे हैं लेकिन ठीक से सिलाई नहीं हो पा रही है.
डीएम ने परसा के रेडीमेड वस्त्र निर्माण केंद्र को सरकारी तौर पर सारी मदद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिले में अगर दूसरे लोग भी ऐसी पहल करेंगे तो उन्हें भी मदद उपलब्ध करायी जायेगी.