चैती छठ पूजा का पहला अर्घ्य आज, गंगा घाट और तालाब सजधज कर तैयार

चैती छठ पूजा का पहला अर्घ्य आज, गंगा घाट और तालाब सजधज कर तैयार

PATNA : चार दिवसीय लोकआस्था के पर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को छठ व्रतियों ने भक्तिमय माहौल में खरना प्रसाद ग्रहण किया। गुड़, ईख के रस से तैयार खीर, रोटी आदि का खरना प्रसाद का भोग बड़े ही श्रद्धा भाव से लगाया गया। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य और सोमवार को उदायीमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व सम्पन्न हो जाएगा।


वहीं, सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व को व्रती परना के साथ व्रत तोड़ेंगे। शनिवार की अहले सुबह से पटना के गंगा घाटों पर गंगाजल के लिए व्रतियों की भीड़ देखने को मिली थी। छठ गीतों के बीच अहले सुबह से पटना के गंगा-घाटों पर व्रतियों की भीड़ दिखी। पंडित प्रेम सागर पांडेय ने बताया कि रविवार 14 अप्रैल को अस्ताचलगामी सूर्य को शाम 5.22 बजे के बाद से पुनवर्स नक्षत्र में अर्घ्य देने का शुभ योग है। वहीं 15 अप्रैल (सोमवार) की सुबह 5.31 के बाद से व्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगे। सुकर्मा योग में अर्घ्य देने के बाद व्रती पारण करेंगे। 


बिहार में लोकआस्था का त्योहार हर गांव मोहल्ले में मनाया जाता है। लगभग हर गांव में यह त्यौहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाने की तैयारी चल रही है। छठ पूजा को लेकर अधिकारी भी सक्रिय दिख रहे हैं। बिहार और झारखंड में छठ पूजा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि अब इन राज्यों के साथ ही अन्य राज्यों में भी लोग छठ पूजा के महत्व को समझ रहे हैं। 


ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। साथ ही ये व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं वो छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही छठ पूजा में सूर्य देव की भी पूजा का विधान है जिनकी कृपा से व्यक्ति को करियर और कारोबार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।