PATNA : राजधानी पटना में पिछले दिनों एक मामला काफी सुर्खियों में रहा था। यह मामला एक लॉ की छात्रा से जुड़ी हुई थी। जिसमें उसके साथ इंट्रेनशिप करने के दौरान पटना हाईकोर्ट के नामी वकील द्वारा छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद लड़की ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी ओर यह मामला कोर्ट पहंचा था और इस मामले सुनवाई हुई थी। इसके बाद अब इस मामले में बिहार स्टेट बार काउंसिल ने बड़ा फैसला लिया है।।
बिहार स्टेट बार काउंसिल ने यह फैसला किया है कि, लॉ कॉलेज की इंटर्न छात्रा के साथ छेड़खानी करने के आरोप में अभियुक्त बनाये गये पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता निरंजन कुमार के देश के किसी भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल में वकालत करने पर तत्काल प्रभाव से रोक रहेगा। स्टेट बार कौंसिल ने हाई कोर्ट के निर्देश और बीसीआइ द्वारा लिये गये निर्णय के आलोक में एक आपात बैठक कर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया।
मालूम हो कि, इसके पहले अधिवक्ता निरंजन कुमार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ ) ने उनके वकालत के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया। बीते कल इस बात की जानकारी बिहार स्टेट बार काउंसिल को दी गई। जिसके बाद स्टेट बार काउंसिल ने यह निर्णय लिया।
बता दें कि, पटना हाइकोर्ट के महिला अधिवक्ताओं और तीनों अधिवक्ता संघों की को-आर्डिनेशन कमेटी ने आरोपित अधिवक्ता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर इसकी जानकारी मुख्य न्यायाधीश को दी थी। तीनों अधिवक्ता संघों की को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश से मिलकर इस मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया। मुख्य न्यायाधीश से यह भी अनुरोध किया कि बिहार स्टेट बार काउंसिल द्वारा फैसले तक दोषी अधिवक्ता को हाइकोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक लगायी जाये।
वहीं, मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई करने के लिए हाइकोर्ट प्रशासन को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अधिवक्ता निरंजन कुमार को नोटिस जारी करते हुए 19 जनवरी तक उनसे जवाब तलब किया है। साथ ही बिहार स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वह इस मामले में तत्काल दोषी अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई कर अगली सुनवाई में इसकी जानकारी कोर्ट को दें।
गौरतलब हो कि, लॉ की इंटर्न छात्रा ने शास्त्रीनगर थाने में अधिवक्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें कहा गया कि इंटर्न के अंतिम दिन अधिवक्ता ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार स्टेट बार काउंसिल ने आरोपी अधिवक्ता को नोटिस जारी कर 14 जनवरी को पक्ष रखने के लिए बुलाया है। हाइकोर्ट की महिला वकीलों ने भी अधिवक्ता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था।