4 लाख रूपये में 150 करोड़ के आलीशान बंगले के मालिक कैसे बन गये तेजस्वी यादव?: जानिये पूरी कहानी, कैसे 29 साल की उम्र में 52 संपत्ति के मालिक बने तेजस्वी

4 लाख रूपये में 150 करोड़ के आलीशान बंगले के मालिक कैसे बन गये तेजस्वी यादव?: जानिये पूरी कहानी, कैसे 29 साल की उम्र में 52 संपत्ति के मालिक बने तेजस्वी

PATNA: पिछले 12 मार्च को ईडी ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर पर छापेमारी की थी. उसके बाद ईडी की ओर से ये जानकारी दी गयी थी कि तेजस्वी यादव सिर्फ चार लाख रूपये में दिल्ली के सबसे पॉश इलाके में से एक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रूपये के बंगले के मालिक बन गये हैं.  दिल्ली के इसी बंगले में तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी रहती है. पिछले 12 मार्च को इसी बंगले में ईडी ने रेड कर तेजस्वी यादव से पूछताछ की थी. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने रविवार को इस बंगले के पूरे कागजात पेश कर पूरी कहानी सुनायी।


सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बगैर कोई कारोबार किये, बिना कोई नौकरी किये सिर्फ 29 साल की उम्र में तेजस्वी यादव 52 से ज्यादा अवैध संपत्ति के मालिक बन बैठे. ये सब फर्जी कंपनियों का खेल है, जिसमें लालू यादव के भ्रष्टाचार के सारे पैसे को खपाया गया।


एक और कंपनी का खेल सामने आया

बता दें कि शनिवार को बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने ए.के. इंफोसिस्टम नाम की एक कंपनी का खुलासा किया था. करोड़ो रूपये की जमीन की रजिस्ट्री कराने वाली कंपनी ए.के. इंफोसिस्टम को  तेजस्वी यादव और राबडी देवी ने सिर्फ एक लाख रूपये में खरीद लिया था. अब दूसरी कंपनी का कारनामा सामने आया है. ये दूसरी कंपनी है ए.बी. एक्सपोर्ट. इस कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव हैं. महज 20-21 साल की उम्र में तेजस्वी ने सिर्फ 4 लाख रूपये में इस कंपनी का 97 परसेंट शेयर खरीद लिया था. बाकी का 3 परसेंट शेयर उनकी बहन चंदा यादव ने 7 हजार रूपये में खरीदा. अरबों की संपत्ति रखने वाली ए.बी. एक्सपोर्ट नाम की इस  कंपनी को तेजस्वी यादव और चंदा यादव ने सिर्फ चार लाख 7 हजार रूपये में खरीद लिया।


बीजेपी नेता सुशील मोदी ने लालू परिवार की एक और कंपनी ए.बी. एक्सपोर्ट के पूरे खेल के कागजात जारी करते हुए इसका पूरा खुलासा किया है. सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने न तो कभी नौकरी की, न ही कभी व्यापार किया. वे अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए. क्रिकेट में भी फेल रहे, उनके पास कोई पुश्तैनी संपत्ति भी नहीं थी. इसके बावजूद नई दिल्ली के सबसे महँगे इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में D-1088 कोठी के मालिक बन गये.  500 वर्ग मीटर जमीन पर बनी इस 4 मंजिला कोठी का बाजार मूल्य 150 करोड़ से ज्यादा है. ये वही मकान है जहां नई दिल्ली में तेजस्वी यादव अपनी पत्नी के साथ रहते हैं।


इस कंपनी ने भी कोई कारोबार नहीं किया सिर्फ संपत्ति खरीदी

सुशील मोदी ने कागजात पेश करते हुए पूरी कहानी बतायी है कि तेजस्वी यादव कैसे 150 करोड़ के इस आलीशान मकान के मालिक बन गये. उन्होंने कहा कि तेजस्वी मात्र चार लाख की पूंजी लगाकर 150 करोड़ के इस मकान के मालिक बन गए. दरअसल, D-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का बंगला ए.बी.एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति है जिसके मालिक तेजस्वी यादव है. ए.बी.एक्सपोर्ट नाम की इस कंपनी ने 1996 से आज तक न तो कोई व्यापार किया और न ही इसका कोई टर्न ओवर है और ना ही इस कंपनी में कोई कर्मचारी है. इस कंपनी ने सिर्फ एक काम किया. वह है तेजस्वी यादव के लिए संपत्ति खरीदने का।


सुशील मोदी ने बताया कि तेजस्वी यादव ने  2010-11 में ए.बी. एक्सपोर्ट नाम की इस कंपनी के 97% शेयर मात्र चार लाख में खरीद लिये थे. बाकी का 3 परसेंट  शेयर लालू यादव की बेटी चंदा यादव ने 7 हजार  पूंजी लगाकर खरीदा. ए.बी. एक्सपोर्ट नाम की इस कंपनी में शुरू में  तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, चंदा यादव एवं रागिनी लालू डायरेक्टर थे. बाद में इन लोगों ने कंपनी छोडी और अभी लालू यादव की बेटी रागिनी लालू इसकी डायरेक्टर हैं. लालू परिवार ने अपने विश्वस्त आदमी शरीकुल बारी को इस कंपनी का डायरेक्टर बना रखा है. शरीकुल बारी बिहार के सिवान जिले के बड़हरिया के रहने वाले हैं. डायरेक्टर कोई हो, कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव हैं जिनके पास इस कंपनी के 97 प्रतिशत शेयर हैं।


ए.बी.एक्सपोर्ट की संपत्ति खरीद का खेल

सुशील मोदी ने कागजातों के सहारे ए.बी. एक्सपोर्ट नाम की इस कंपनी के खेल को बताया. 2007-08 में मुंबई के 5 हीरे-सोने के व्यापारियों ने अपनी पांच कंपनियों के जरिये ए.बी. एक्सपोर्ट नाम की इस कंपनी को 1-1 करोड़   यानि कुल 5 करोड़ का ब्याज मुक्त लोन दिया. केंद्रीय एजेंसियों ने जब जांच की तो पता चला कि लोन देने वाली सारी कंपनियां फर्जी कंपनी थीं. उनके लोन देने के बाद 15 साल बीत चुके हैं. लेकिन अब तक न तो यह 5 करोड़ वापस हुआ और न ही हीरे-सोने के व्यापारियों ने पैसे की मांग की।


सुशील मोदी ने बताया कि 2007-08 में ए.बी.एक्सपोर्ट नाम की कंपनी ने तथाकथित लोन से मिले 5 करोड़ रूपये से दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में D-1088 नंबर का प्लॉट मकान समेत खरीद लिया. कागज पर दिखाया गया कि ए.बी.एक्सपोर्ट नाम की इस कंपनी ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बंगला खरीदने के लिए जमीन की कीमत के तौर पर 4 करोड़ 54 लाख रूपये और  मकान के लिए 45 लाख चुकाये।


लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ खेल

सुशील मोदी ने कहा कि जिस वक्त मुंबई की फर्जी कंपनी ए.बी.एक्सपोर्ट को बिना ब्याज का लोन दे रही थी और जब ए.बी. एक्सपोर्ट दिल्ली में आलीशान मकान खरीद रही थी तो उस समय लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री के पद पर थे. वैसे, 2014-15 तेजस्वी के मालिकाना हक वाली इस कंपनी ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के D-1088 प्लॉट में बने पुराने मकान को तोड़कर 4 मंजिला आलीशान मकान बनवाया. कागज पर दिखाया गया कि बंगले को बनवाने में 3 करोड़ 68 लाख रूपये खर्च हुए।


सुशील मोदी ने कहा कि साल 2017-18 में तेजस्वी यादव ने अपनी ही कंपनी ए.बी. एक्सपोर्ट को 4 करोड़ 10 लाख रूपये का कर्ज दिया. उनकी बहन चंदा यादव ने भी इस कंपनी को एक करोड़ रुपया का कर्ज दिया. लेकिन तेजस्वी यादव की संपत्ति की घोषणा में  कहीं भी इस कर्ज का जिक्र नहीं है. कर्ज का ये खेल इसलिए हुआ कि 150 करोड़ के आलीशान बंगले को कागज पर वैध बनाया जा सके।


सुशील मोदी ने लालू परिवार पर कई सवाल दागे हैं. उन्होंने पूछा कि तेजस्वी की कंपनी को आखिर मुंबई के पांच हीरे के व्यापारियों ने बिना ब्याज का कर्ज क्यों दिया ?  आज तक ए.बी.एक्सपोर्ट  ने ना तो 5 करोड़ रूपये का मूलधन और न ही एक चवन्नी ब्याज का भुगतान किया. आखिर लालू के करीबी प्रेमचंद गुप्ता, ओम प्रकाश कात्याल जैसे व्यापारियों ने क्यों अपनी कंपनी लालू परिवार को सौंप दी? अरबों की संपत्ति वाली इस कंपनी में तेजस्वी यादव को मात्र चार लाख में 97 परसेंट शेयर और चंदा यादव ने सिर्फ 7 हजार में बाकी बचे 3 परसेंट शेयर कैसे खरीद लिये. मात्र 4 लाख रूपये में तेजस्वी यादव इस 150 करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए ?


जेल जायेंगे तेजस्वी

सुशील मोदी ने कहा कि फर्जी कंपनियों के सहारे अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले तेजस्वी यादव का जेल जाना तय है. वैसे भी ए.बी. एक्सपोर्ट के दिल्ली के बंगले को आयकर विभाग ने 2017 में बेनामी संपत्ति घोषित कर तीन करोड़ 10 लाख का अर्थदंड लगाया है और इस संपत्ति को जप्त कर लिया है. तेजस्वी यादव पहले से ही 750 करोड़ के आईआरसीटीसी घोटाले में चार्जशीटेड हैं तथा जमानत पर बाहर हैं. इस केस का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है. वहीं, तेजस्वी यादव को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में सीबीआई ने 25 तारीख को पूछताछ के लिए बुलाया है।


जिस तरह के सबूत सामने आये हैं उसमें तेजस्वी यादव को सजा होना तय है. उनके भ्रष्टाचार की सारी कहानी सामने आ गयी है. 29 साल की उम्र में तेजस्वी यादव ए.बी.एक्सपोर्ट, ए.के.इंफोसिस्टम जैसी कंपनियों तथा अन्य माध्यम से 52 से ज्यादा अवैध संपत्ति के मालिक बन गये. अब वे चाहे जितनी फर्जी कहानियां बना लें, उन्हें सजा मिलना तय है।


सुशील मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के इतने संगीन मामले का आरोपी व्यक्ति कैसे बिहार के  उप मुख्यमंत्री पद पर बना रह सकता है ? नीतीश कुमार को अविलम्ब तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए।