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1st Bihar Published by: Updated Sat, 31 Dec 2022 10:39:49 AM IST
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SARAN : छपरा में जहरीली शराबकांड में 70 लोगों की मौत के बाद न सिर्फ स्थानीय पुलिस- प्रसाशन पर सवाल उठे, बल्कि सत्ता में बैठे लोगों पर भी विपक्ष द्वारा जोरदार हंगामा किया गया। इस पुरे वाकये को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयानों को लेकर भी उनके ऊपर जुवानी हमला बोला गया। जिसके बाद सरकार अलर्ट हुई और उसके तरफ से ताबरतोड़ छापेमारी अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें कई लोगों की गिरफ़्तारी ही हुई। इसके साथ ही सबसे बड़ा खुलसा यह हुआ की यहां जहरीली शराब का निर्माण होमियोपैथिक दवा से किया गया था। जिसके बाद अब इस मामले में दवा से शराब निर्माण करने वाले मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी हो गई है।
दरअसल, बिहार के मशरक में जहरीली शराब पीने से 70 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इसको लेकर विपक्षी दलों द्वारा सदन से सड़क तक हंगामा किया गया था। राज्य में लागू शराबबंदी कानून पर भी सवाल उठाए गए थे। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को मुआबजा देने की भी बात कही गई थी। जिसके बाद सरकार ने भी अपना पक्ष रखा था। इसके साथ ही इतनी बड़ी संख्या में मौत के बाद सरकार अलर्ट मोड पर कार्य कर इसके मुख्य आरोपी के गिरफ्तारी में जुट गई। जिसके बाद अब आज यहां होमियोपैथिक दवा से शराब निर्माण करने वाले लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। होमियोपैथिक दवा से शराब बनाने वाले गिरफ्तार मास्टरमाइंड का नाम राम बाबू बताया जा रहा है। जिसकी उम्र 35 वर्ष बताई जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने शराब में केमिकल डालकर उसे तैयार किया था, जिसे पीने की वजह से कई लोगों की जान चली गई थी।
जानकारी हो कि, बिहार के सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें हुईं थ। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 150 से ज्यादा धंधेबाजों को गिरफ्तार भी किया है। इसमें कई लोगों को छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है। मामले में मनवाधिकार की टीम भी लगातार जांच कर रही है।
गौरतलब हो कि, छपरा जहरीली शराबकांड पर बिहार में सियासत अभी तक जारी है। इस मामले में मुआवजे की मांग को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इसके साथ ही इसको लेकर विरोध-प्रदर्शन करने की भी बात कही जा रही है। बता दें कि, छपरा के मशरख में जहरीली शराब पीने से अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि सरकारी आंकड़ा 38 है। इस मामले के सामने आने के बाद पूरे बिहार में खलबली मची है।