चंद्रशेखर के बाद नीतीश के एक और मंत्री के विवादित बोल, लालू-तेजस्वी की बढ़ाएंगे मुश्किल

चंद्रशेखर के बाद नीतीश के एक और मंत्री के विवादित बोल, लालू-तेजस्वी की बढ़ाएंगे मुश्किल

SASARAM: आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस कार्यक्रम को लेकर विपक्ष के नेता लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। खासकर आरजेडी नेता राम मंदिर को लेकर लगातार विवादित बोल बोल रहे हैं। डेहरी के आरजेडी विधायक के बाद नीतीश सरकार में राजद कोटे से मंत्री ने मंदिर को लेकर विवादित टिप्पणी की और अब आरजेडी कोटे की ही एक और मंत्री ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर किए जा रहे अक्षत वितरण पर सवाल उठाया है।


दरअसल, राम मंदिर को लेकर पूरे देश में सियासत तेज हो गई है। एक तरफ जहां बीजेपी इस मौके के हाथ से नहीं जाने देना चाहती है तो वहीं विपक्ष के नेता लगातार सनातन, हिंदू देवी-देवताओं और मंदिर को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं। खासकर बिहार में आरजेडी के नेता और मंत्री लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। एक तरफ लालू अपने पूरे परिवार के साथ बाला जी के दर्शन करने जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी मंदिर की जगह अस्पताल बनवाने की बात करते हैं।


जिस दल के शीर्ष नेता ही सनातन धर्म और हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं तो उस दल के अन्य नेता कैसे पीछे रह सकते हैं। एक तरफ आरजेडी सफाई दे रही है कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है तो उसी के नेता मंदिर और हिंदू आस्था पर सवाल उठा रहे हैं। खुद को महिसासुर का वंशज बताने वाले डेहरी के राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने पोस्टर लगाकार मंदिर को अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर ले जाने वाला रास्ता बताया था।


इसके बाद रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्प्णी करने वाले आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपनी पार्टी के विधायक फ़तेह बहादुर के बयान का समर्थन किया और डेहरी में सावित्रीबाई फुले के जयंती समारोह में भाषण देते हुए कहा कि मंदिर गुलामी का रास्‍ता है, जबकि शिक्षा प्रकाश का मार्ग है। चंद्रशेखर के बाद उसी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची राजद कोटे से बिहार सरकार की मंत्री अनीता देवी ने भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अक्षत वितरण पर सवाल खड़े किए हैं।


मंत्री ने हिंदू आस्था पर चोट करते हुए कहा कि अक्षत वितरण के नाम पर गरीबों का शोषण हो रहा है। घर-घर में अक्षत पहुंचाने के नाम पर गरीबों से उगाही की जा रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गरीबों के घर आज अक्षत देने की जरूरत नहीं है। उसके जगह पर संविधान की कॉपी देनी चाहिए ताकि गरीब-पिछले लोग अपना अधिकार को समझें तथा उसकी लड़ाई लड़े।


उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रचार किया जा रहा है कि 22 जनवरी को भगवान श्री राम आएंगे। ऐसा लग रहा है कि इससे पहले भगवान श्रीराम धरती लोग पर कभी नहीं आए थे। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर अक्षत वितरण को पाखंड बताया है। बता दें कि आरजेडी नेता हिंदू धर्म पर लगातार चोट कर रहे हैं ऐसे में आने वाले चुनावों में लालू-तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।