चाह कर भी जातीय जनगणना को खारिज नहीं कर सकते नीतीश, लालू ने बता दी मजबूरी

चाह कर भी जातीय जनगणना को खारिज नहीं कर सकते नीतीश, लालू ने बता दी मजबूरी

PATNA : केंद्र सरकार की तरफ से मांग खारिज किए जाने के बाद बिहार सरकार राज्य में जातीय जनगणना की तरफ कदम उठाने वाली है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दल के नेताओं को इस बात का आश्वासन दिया था. नीतीश कुमार ने कहा था कि अगले कुछ दिनों में बिहार के अंदर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और इसी बैठक में जातीय जनगणना का स्वरूप तय किया जाएगा. 


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद इस बात की जानकारी दी थी. अब सबको सर्वदलीय बैठक का इंतजार है और राज्य सरकार के उस फैसले का भी कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर अंतिम तौर पर क्या है क्या होता है.


लालू ने बतायी नीतीश की मजबूरी

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर हुंकार भरी है. दिल्ली में अपनी तबीयत ठीक होने के बाद एम्स से डिस्चार्ज हो चुके लालू यादव ने कहा है कि जातीय जनगणना को हर हाल में कराया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस मसले पर नीतीश कुमार से मुलाकात भी कर सकते हैं, लालू यादव ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. 


लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार कौन होते हैं, उनसे मिलने की क्या जरूरत. आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि किसी भी हाल में जातीय जनगणना होगी. क्योंकि इसका विरोध करने की कुवत किसी राजनीतिक दल में नहीं है. सभी दल इस राय पर एकजुट हैं. लालू यादव ने कहा कि वह लंबे अरसे से जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं और अब हर हाल में यह पूरा होगा. इसी के साथ लालू यादव ने नीतीश कुमार की राजनीतिक मजबूरी भी बयां कर दी.


लालू के एजेंडे पर तेजस्वी

बिहार में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान तेजस्वी यादव ने एक बार फिर जातीय जनगणना के मसले को हवा दी थी. तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार में उपचुनाव का हवाला देकर जातीय जनगणना पर चर्चा को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. इसके बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से मुलाकात की. उनके साथ अन्य विपक्षी दलों के नेता भी रहे. इस मुलाकात में सहमति बनी कि राज्य में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहीं ना कहीं लालू यादव के एजेंडे पर आगे चल रहे हैं. तेजस्वी ने लालू की तरफ से तय किया हुआ जातीय जनगणना का एजेंडा सबसे आगे रखा हुआ है. हर किसी को पता है कि बिहार में अगर नीतीश कुमार मजबूरी वश भी जातीय जनगणना कराते हैं तो इसका फायदा आरजेडी उठा सकती है.