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Ministry of Education: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में 'नो डिटेंशन पॉलिसी' (No Detention Policy) को खत्म कर दिया है। इसका मतलब है कि अब कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। पहले, इस नीति के तहत सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था, भले ही वे परीक्षा में फेल क्यों न हों।
फेल होने पर क्या होगा?
अब, अगर कोई छात्र कक्षा 5वीं या 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होता है, तो उसे दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। अगर वह दूसरी बार भी परीक्षा में पास नहीं होता है, तो उसे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
क्यों लिया गया ये फैसला?
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस नीति से छात्रों में पढ़ाई के प्रति लापरवाही बढ़ रही थी। छात्रों को बिना मेहनत किए अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था, जिससे उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा था। इस नए फैसले से छात्रों को कड़ी मेहनत करने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
छात्रों को स्कूल से निकाला जाएगा?
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी छात्र को किसी भी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। अगर कोई छात्र फेल हो जाता है, तो उसे दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा और शिक्षक और अभिभावक मिलकर उसकी मदद करेंगे।
बता दें कि 2019 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) में संशोधन के बाद 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दोनों कक्षाओं के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' को समाप्त कर दिया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा। इससे छात्रों की पढ़ाई में सुधार आएगा और वे भविष्य में बेहतर नौकरियां पा सकेंगे।