RANCHI: केंद्र सरकार की कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया का झारखंड सरकार ने विरोध किया है. इसके विरोध में सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. इस याचिका में कहा गया है कि जिन कोयला ब्लॉक की नीलामी होनी है उनमें से कुछ झारखंड में हैं.कोरोना संकट के दौरान नीलामी करने से कोई लाभ नहीं होगा.
बाजार मूल्य भी नहीं मिलेगा
यह भी कहा गया है कि ऐसे वक्त में नीलामी से राज्य सरकार को नुकसान होगा. क्योंकि को जो कोयला का बाजार मूल्य है वह वर्तमान में मिलना संभव नहीं है. जिस एरिया में नीलामी होने वाली है वहां पर एक विशाल जनजातिय आबादी निवास करती है. इसके साथ ही वहां के जंगलों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा.
18 जून को पीएम ने किया था नीलामी प्रक्रिया का उद्घाटन
18 जून को पीएम नरेंद्र मोदी ने वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी के उद्घाटन किया था. संबोधन में कहा था कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा. कोल सेक्टर से जुड़े ये रिफॉर्म्स इसटर्न और सेंट्रल इंडिया को हमारी ट्राइबल बेल्ट के विकास का पिलर बनाने का बड़ा जरिया है. देश में 16 Aspirational जिले ऐसे हैं जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं. लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था. यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर बड़े शहरों में रोजगार के लिए पलायन करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा था कि कोयला निकालने से लेकर ट्रांसपोरेशन तक को बेहतर बनाने के लिए जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, उससे भी रोज़गार के अवसर बनेंगे. वहां रहने वालों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी. कोल सेक्टर में हो रहे रीफॉर्म इस सेक्टर में हो रहा निवेश, लोगों के जीवन को, विशेषकर हमारे गरीब और आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा.