RANCHI: लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर 27 नवंबर को सुनवाई होने वाली है, लेकिन उससे पहले सीबीआई ने इसका विरोध किया है. सीबीआई ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया और जमानत का विरोध किया. सीबीआई की ओर से कहा गया है कि लालू प्रसाद ने अपनी आधी सजा भी काटी नहीं है.
सीबीआई ने कोर्ट को बताया है कि लालू यादव ने दुमका कोषागार मामले में अभी तक आधी सजा नहीं काटी है. इसके साथ ही सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का भी मुद्दा उठाया है. सीबीआई के अनुसार लालू प्रसाद को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है, लेकिन सीबीआई कोर्ट ने सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश कभी दिया ही नहीं है. इस कारण सभी सजा एक साथ नहीं चल सकती है.
427 फंसा सकता है पेंच
सीबीआई ने लालू की जमानत में सबसे बड़ा पेंच फंसाया है. इसको लेकर उसने धारा 427 का हवाला दिया है. इसमें प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को एक से अधिक मामलों में दोषी करार देकर सजा सुनायी जाती है और अदालत सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं देती है, तो उस व्यक्ति की एक सजा की अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी दूसरी सजा शुरू होगी. ऐसे में सभी सजा की अवधि पूरा करना होगा.
लालू ने दिया है हवाला
लालू प्रसाद ने अपनी जमानत याचिका में अपनी बीमारी के बारे में भी बताया है. याचिका में बताया गया था कि वह करीब 15 बीमारी ग्रसित है. उनका इलाज कई सालों से रांची के रिम्स में हो रहा है. उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है. इसलिए उनको जमानत दे दी जाए. जमानत के लिए लालू ने 4 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बता दें कि लालू प्रसाद ने 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं, दुमका, देवघर और चाईबासा मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. देवघर और चाईबासा केस में उनको जमानत मिल चुकी है, लेकिन दुमका मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है. लालू प्रसाद सभी सजा को एक साथ जोड़ रहे हैं, लेकिन सीबीआई इससे अलग-अलग जोड़ रही है.