कैबिनेट की बैठक में वाकई नीतीश से भिड़ गये थे सुधाकर सिंह: बेबस CM ने कहा-मैंने सवाल पूछा तो चले गये मंत्री, तेजस्वी देखेंगे मामला

कैबिनेट की बैठक में वाकई नीतीश से भिड़ गये थे सुधाकर सिंह: बेबस CM ने कहा-मैंने सवाल पूछा तो चले गये मंत्री, तेजस्वी देखेंगे मामला

PATNA: बिहार सरकार के कृषि विभाग को चोर औऱ खुद को चोरों का सरदार बता कर चर्चे में आये कृषि मंत्री सुधाकर सिंह मंगलवार की बैठक में वाकई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भिड़ गये थे. आज खुद नीतीश कुमार ने स्वीकार कर लिया कि कैबिनेट की बैठक में जब उन्होंने कृषि मंत्री से ये पूछा कि वे क्या बयान दे रहे हैं तो वे बिना जवाब दिये बैठक से निकल गये. वैसे सुधाकर सिंह के मामले पर नीतीश कुमार की बेबसी का आलम ये है कि वे कह रहे हैं कि इस मामले को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव देखेंगे. हालांकि नीतीश ने ये मानने से इंकार कर दिया है कि बिहार सरकार के कृषि विभाग में सारे चोर बैठे हैं।


बता दें कि फर्स्ट बिहार ने मंगलवार की रात ही ये खबर दी थी कि कैबिनेट की बैठक में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को सीधा जवाब दे दिया था. फर्स्ट बिहार ने खबर दी थी कि मंत्री सुधाकर सिंह को नीतीश कुमार ने उनके बयानों के लिए टोका था. इसके बाद सुधाकर सिंह ने सीधा जवाब दे दिया-मैं जो कह रहा हूं सच कह रहा हूं, वाकई कृषि विभाग के सारे अधिकारी चोर हैं औऱ मैं चोरो का सरदार बन गया हूं. इसके बाद सुधाकर सिंह कैबिनेट की बैठक से निकल कर चले गये थे।


नीतीश ने की पुष्टि

आज मीडिया ने जब नीतीश कुमार से सुधाकर सिंह को लेकर सवाल पूछा. नीतीश कुमार ने कहा- उसका एक स्टेटमेंट आय़ा था, उसका स्टेटमेंट देखकर मैंने अधिकारियों को कह दिया था कि देख लीजिये. कैबिनेट की बैठक में हम जानना चाह रहे थे कि बयान क्यों दे रहा है. हम जानना चाह रहे थे लेकिन वह बोलने के बजाय उठ कर चल दिया. बहुत समझाया गया लेकिन वह नहीं रूका। 


नीतीश की बेबसी

बता दें कि 17 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ये पहला वाकया हुआ है जब कैबिनेट की बैठक में किसी मंत्री ने नीतीश को सीधा जवाब दे दिया है. सुधाकर सिंह ने न सिर्फ जवाब दिया बल्कि कैबिनेट की बैठक से उठ कर चले गये. लेकिन बेबस नीतीश मंत्री पर कोई एक्शन लेने का साहस नहीं जुटा पाये. नीतीश ने कृषि मंत्री के आरोपों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि सवाल ही नहीं उठता कि कृषि विभाग के सारे अधिकारी चोर है. उसका विभाग के सचिव तो सबसे अच्छे अधिकारी हैं। 


मीडिया ने फिर से नीतीश से सवाल पूछा कि सुधाकर सिंह तो अभी भी कह रहे हैं कि वे अपनी बात पर कायम हैं. नीतीश के पास इसका कोई जवाब नहीं हैं. नीतीश बोले-इस मसले पर डिप्टी सीएम साहब (तेजस्वी यादव) से बात कर लीजिये. अगर सुधाकर सिंह कुछ बोल रहे हैं तो इसे डिप्टी सीएम साहब ही देखेंगे. नीतीश कुमार ये जवाब नहीं दे पाये कि अगर कृषि मंत्री गलत बोल रहे हैं तो वे क्या कार्रवाई करेंगे।


बता दें कि  सुधाकर सिंह लगातार तीन दिनों से चर्चे में हैं. सुधाकर सिंह लगातार खुल कर कह रहे हैं कि बिहार सरकार का कृषि विभाग चोर है. उपर से नीचे तक चोरी हो रही है. किसानों को खाद-बीज देने में जमकर लूट हो रही है. कृषि विभाग रद्दी विभाग है और माप-तौल विभाग वसूली विभाग. सुधाकर सिंह ये भी कह रहे हैं कि हर खेत तक पानी पहुंचाने के नीतीश सरकार के दावे में कोई दम नहीं है. अभी तक आधे खेत तक भी पानी नहीं पहुंचा है. सुधाकर सिंह लगातार ये बातें बोल रहे हैं और इससे सरकार की भारी फजीहत हो रही है।


लालू ने बीच बचाव किया

जानकारों की मानें तो मंगलवार की रात ही नीतीश कुमार ने लालू यादव से बात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी थी. इसके बाद सुधाकर सिंह को लालू यादव ने बुलाया था. वहां भी कृषि मंत्री अपने बयान पर अड़े रहे. उन्होंने लालू यादव के सामने भी कहा कि कृषि विभाग में सिर्फ और सिर्फ लूट खसोट हो रही है. हालांकि लालू यादव ने सुधाकर सिंह को सलाह दी कि वे ऐसे मामलों को सरकारी बैठकों में रखें, मीडिया के सामने बोलने से परहेज करें।


अपनी बात पर कायम हैं सुधाकर सिंह

इन तमाम फसाद के बाद भी मंत्री सुधाकर सिंह अपने स्टैंड पर कायम हैं. मंगलवार की रात से लेकर आज दिन में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे अपने स्टैंड पर कायम हैं. किसानों की शिकायतें सुन सुन कर वे परेशान हो गये हैं. किसानों की हालत खराब है और वे सच बोलना जारी रखेंगे. 


सुधाकर सिंह ने एक नया मुद्दा भी उठा दिया है. नीतीश कुमार ने 2006 में बिहार में कृषि उत्पादन बाजार समिति को खत्म कर दिया था. सुधाकर सिंह ने आज कहा कि किसानों की मंडी खत्म होने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है. किसानों को अपनी उपज का पैसा नहीं मिल पा रहा है. किसानों की फसल खरीद के लिए सिर्फ एक एजेंसी को जिम्मा दे दिया गया है. ये पूरी तरह से गलत है. बिहार में किसानों की उपज का सही दाम दिलाने के लिए नया कानून बनाना होगा।