PATNA : बक्सर के गंगा नदी में तैरती मिली लाशों के मामले में आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। आज पीएमसीएच ऑक्सीजन घोटाले पर भी बहस होगी। बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी लाने साथ ही हर गांव तक कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन और दवाइयां सुनिश्चित कराने के लिए दायर पेटिशन पर बुधवार को सुनवाई हुई थी।
बिहार में कोरोना से निपटारे के लिए सरकारी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रही जनहित मामलों की सुनवाई करते हुए बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मौखिक तौर पर निर्देश दिया था कि बक्सर में तैरती लाशों के बारे में और पीएमसीएच में ऑक्सीजेंन सिलेंडर के घपले का अंदेशा देती कोर्ट मित्र की रिपोर्ट पर गुरुवार को स्थिति स्पष्ट करें। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की तरफ से दायर जनहित याचिकाओं को सुनते हुए यह निर्देश दिया। गौरतलब है कि इस मामले में एडवोकेट प्रियंका की तरफ से दायर हुई हस्तक्षेप याचिका पर भी बुधवार को खंडपीठ ने सुनवाई की थी।
सीनियर एडवोकेट योगेश चंद्र वर्मा ने उक्त पेटिशन कोर्ट को कहा कि सूबे के तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और रेफरल अस्पताल में कोविड केयर सेंटर खुले और सभी जगह पर्याप्त ऑक्सीजेंन सिलेंडर, दवाइयां मिलती रहे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य में कोविड मेडिकल प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं हो रहा है। कई जगह डॉक्टर अलग-अलग दवाइयां लिख रहे हैं तो कहीं अलग तरीके से इलाज करा रहे हैं। साथ में राज्य में कोविड के आने वाले तीसरे लहर की समुचित तैयारी के लिए भी गुहार लगाया गया। हाई कोर्ट ने कहा कि इन सभी बिंदुओं पर जल्द ही सुनवाई होगी।
वहीं राज्य सरकार की तरफ से सूबे के तमाम कोविड अस्पतालों में मरीजों की संख्या, बेड और ऑक्सीजेन की आपूर्ति और रोजाना होने वाले कोविड टेस्ट के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया गया। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कोविड -19 से निपटने के लिए राज्यव्यापी प्रबंधन में एक्सपर्ट एडवाइजरी कमिटी का गठन 11 मई को कर लिया गया है। इस समिति में 12 सदस्य हैं जिसके संयोजक, निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण ), स्वास्थ्य सेवाएं और बिहार सरकार होगी। आज बक्सर के गंगा नदी में तैरती मिली लाशों के मामले में सुनवाई होगी साथ ही पीएमसीएच ऑक्सीजन घोटाले पर भी बहस होगी।