BJP ने पीएम मोदी के फैसले को दूरगामी बताया, संजय जायसवाल बोले.. वैक्सीन की कालाबाजारी और बर्बादी दोनों रूकेगी

BJP ने पीएम मोदी के फैसले को दूरगामी बताया, संजय जायसवाल बोले.. वैक्सीन की कालाबाजारी और बर्बादी दोनों रूकेगी

PATNA : देश में कोरोना वैक्सिनेशन अभियान को लेकर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने आज बड़ा एलान किया है। पीएम मोदी के फैसले को बिहार बीजेपी ने दूरगामी बताया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि एक तरफ जहां प्रधानमन्त्री मोदी ने 6 महीने के लिए सभी गरीबों को 6 महीने का मुफ्त राशन देने की घोषणा की है वहीं दूसरी तरफ बहुत सारी राज्य सरकारों की अक्षमता देखते हुए यह तय किया गया कि 21 जून से सभी भारत वासियों को चाहे वह कहीं भी हो मुफ्त वैक्सीन दिया जाएगा।


संजय जायसवाल ने कहा कि वास्तव में देश की कई राज्य सरकारों ने अजीब परिस्थितियां पैदा कर दी थी। एक तरफ हमारी बिहार सरकार है जिसने आर्थिक अभाव के बाद भी अपने सभी बिहार वासियों को मुफ्त टीका देने की व्यवस्था सुगम की थी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित पंजाब है जो 400 रु की वैक्सिन खरीद कर 1000 रु में प्राइवेट अस्पतालों को बेच रहा था, जिसके 15 सौ रुपए वसूल कर प्राइवेट अस्पताल पंजाब के नागरिकों को टीका लगा रहे थे। दूसरी तरफ दिल्ली के केजरीवाल भी थे जो चार  महीने पहले प्रधानमंत्री जी के खिलाफ बोलते हुए राज्य सरकारों को वैक्सीन खरीदने के अपने अधिकार होने की मांग कर रहे थे और अब पलटी मारते हुए केंद्र द्वारा वैक्सीनों की खरीद कर राज्य सरकारों को देने के मुद्दे पर लगातार भाषण दे रहे हैं।


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सही स्थिति यह है कि केंद्र कोष से 42% राशि राज्य सरकारों को मिलती है, इसलिए उनका यह फर्ज होना चाहिए था कि वह भी अपने कोष से कम से कम 25% लोगों के लिए वैक्सीन की खरीद जरुर करते। बहरहाल इस तरह के राज्य सरकारों की नाकामियों के कारण बिहार सरकार को बहुत ही फायदा हो गया। हमारे तकरीबन 12 सौ करोड़ रुपए बच गए, जिसे हम किसी और विकास कार्य में खर्च कर सकते हैं। प्रधानमंत्री के नए फैसले से देश में ना केवल कोरोना वैक्सीन की बर्बादी रुकेगी बल्कि कालाबाजारी भी नहीं होगी।


डॉ जायसवाल ने कहा कि इस साल 16 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने के अंत तक, भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार की देखरेख में ही चला। आज लिए गये निर्णय़ के बाद राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। इसके अलावे देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे, हालांकि इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।