PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में खुले मंच से कहा था कि बीजेपी से उनकी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी। मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है। जेडीयू की तरफ से लगातार यह सफाई दी जा रही है कि नीतीश कुमार के बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहे हैं, उन्होंने व्यक्तिगत दोस्ती की बात की थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इसके लिए मीडिया को दोषी बताया है और कहा है कि जिस पार्टी ने नीतीश कुमार की पीठ में छुरा भोंका उसमें जाना तो दूर वे देखेंगे भी नहीं।
ललन सिंह ने कहा कि जो लोग मुख्यमंत्री के बयानों का गलत मायने निकाल रहे हैं उनकी नियत खराब है। उनका देखने का नजरिया गलत है और जो उनका एजेंडा है उसी नजरिया से वे मुख्यमंत्री के बयान को देख रहे हैं। राजनीति करने का ये मतलब नहीं होता है कि हम अलग पार्टी में हैं तो हमारी किसी दूसरी पार्टी के लोगों से दोस्ती नहीं है। हमलोग तो रोज इस बात को कहते हैं कि सुशील मोदी हमलोगों के मित्र हैं और उन्हें बीजेपी फिर से राज्यसभा का सदस्य बना दें तो उन्हें शुभकामना देते हैं। इसका ये मतलब थोड़े ही है कि हमलोग सुशील मोदी की पार्टी में जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बीजेपी की कोई चर्चा नहीं की बल्कि व्यक्तिगत संबंधों की बात की थी और व्यक्तिगत संबंध को राजनीति से जोड़ने का काम मीडिया का काम है। मीडिया वालों को हर दिन कोई न कोई एजेंडा होता है और वे लोग उस एजेंडे के मुताबिक चलते हैं। मीडिया वाले कभी कुछ चलाते हैं और कभी कुछ बोलते हैं। नीतीश कुमार बीजेपी की तरफ देखने भी नहीं जाएंगे। मीडिया के लोगों न अगर इस तरह की खबरें चलाई हैं तो वह नीतीश कुमार के साथ बेइमानी की है। नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ व्यक्तिगत रिश्ता अलग है और राजनीति अलग है। नीतीश कुमार को क्या जरुरत है कि वे भाजपा की तरफ देखेंगे।
ललन सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में शामिल तब से उन लोगों के प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे नीतीश कुमार भयभीत नहीं होने वाले हैं और बीजेपी की तरफ देखने का कोई सवाल ही नहीं बनता है। भारतीय जनता पार्टी धोखेबाज पार्टी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नीतीश कुमार की पीठ में छूरा भोंकने का काम किया। जेडीयू के एक नेता के साथ मिलकर बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ षडयंत्र किया। जिसने पीठ में छुरा भोंका उसकी तरफ देखने का कहां सवाल है, जाने की बात दो दूर है। बिल्ली के भाग्य से सीका नहीं गिरने वाला है, नीतीश कुमार का सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद है 2024 में देश को भाजपा मुक्त बनाना।