PATNA: कोरोना संकट शुरू होने के लगभग दो महीने बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता में साझीदार पार्टी बीजेपी की याद आयी. नीतीश ने आज बीजेपी विधायकों-विधान पार्षदों के अलावा पार्टी पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लंबी बात की. बीजेपी के नेताओं ने सरकार के कामकाज पर तो ज्यादा सवाल नहीं उठाये लेकिन अपनी दुर्दशा जरूर बतायी. बीजेपी विधायक बोले-अगर हालात ऐसे ही रहे तो हम चुनाव हार जायेंगे.
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बीजेपी के विधायकों की परेशानी
दरअसल बीजेपी के विधायक सरकार के कामकाज के तरीके से परेशान हैं. नीतीश के साथ बातचीत के दौरान किसी ने खुल कर तो विरोध नहीं किया लेकिन अपनी आपत्ति जरूर जता दी. विधायकों का कहना था कि कोरोना संकट के दौरान सरकार ने जितने भी काम किये हैं उसमें सिर्फ और सिर्फ अधिकारियों की चल रही है. लोगों को राहत देनी हो, राशन कार्ड बनाना हो या फिर क्वारंटाइन सेंटर खोलना हो. सारे फैसले अधिकारी ले रहे हैं.विधायकों को कोई पूछने वाला नहीं है.
बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि उनकी हालत तो मुखिया से भी बदतर हो गयी है. कोरोना से परेशान लोग विधायक के पास गुहार लगाने आ रहे हैं और विधायकों की स्थिति ये है कि ब्लॉक का बीडीओ-सीओ भी उनकी नहीं सुन रहा. ऐसे में लोगों में विधायकों के खिलाफ आक्रोश भड़क रहा है.
ऐसी हालत में तो हम चुनाव हार जायेंगे
तीन दफे से विधायक चुने जा रहे एक नेता ने कहा कि कोरोना संकट के ठीक बाद चुनाव होना है. विधायकों के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढता रहा तो हम चुनाव हार जायेंगे. विपक्षी पार्टियों के विधायक तो ये कह कर बच जा रहे हैं कि उनकी सरकार नहीं है. लेकिन बीजेपी के विधायक क्या कहें. विधायकों ने नीतीश कुमार से कहा कि सारी सरकारी योजनाओं में विधायकों की भूमिका को बढ़ाया जाये. कोरोना संकट में दी जा रही सरकारी राहत में विधायकों की राय ली जाये. उनकी अनुशंसा पर काम हो.
विधायक फंड का पैसा रिलीज करने की उठी आवाज
बीजेपी के विधायकों ने विधायक फंड का पैसा तत्काल रिलीज करने की मांग की. सरकार इस फंड का बड़ा हिस्सा पहले की कोरोना राहत के नाम पर ले चुकी है. विधायकों ने कहा कि बाकी बचे पैसे को सरकार तत्काल रिलीज करे. ताकि उससे विधायक लोगों को मदद पहुंचा सके. कुछ महीने बाद चुनाव होना है. अगर पैसा सरकारी खजाने में ही पड़ा रह गया तो उसका खामियाजा विधायकों को ही भुगतना पड़ेगा.
अपनी ही बात कहते रहे नीतीश
बीजेपी के विधायकों ने अपना दर्द सुनाया. नीतीश ने उसे सुना लेकिन नोटिस कम ही लिया. 5 दिन पहले सर्वदलीय बैठक में भी विधायकों की उपेक्षा का सवाल उठा था. नीतीश कुमार ने उस समय ही एलान किया था कि जिले के अधिकारी विधायकों की राय लेकर काम करेंगे. लेकिन किसी जिले में ये अमल नहीं हुआ.
आज फिर नीतीश कुमार ने कहा कि वे अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं कि विधायकों से बात करके ही काम किया जाये. लेकिन अधिकारी उनका निर्देश क्यों नहीं मान रहे हैं ये नीतीश नहीं बता पाये. ज्यादातर समय वे अपनी उपलब्धियां बताने में ही लगे रहे. नीतीश ने विधायकों के समक्ष एक-एक करके अपनी योजनाओं की गिनती करायी. उन्होंने दावा किया कि सरकार ऐसा काम कर रही है जिससे कोई असंतुष्ट नहीं रहेगा.
नीतीश के साथ बीजेपी के विधायकों-विधान पार्षदों की इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बीजेपी के प्रमुख पदाधिकारी भी जुड़े थे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, प्रदेश महामंत्री नागेंद्र जी समेत कई और पदाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े रहे.