भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस आज, ऋतुराज सिन्हा ने कार्यकर्ताओं को दी शुभकामनाएं

भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस आज, ऋतुराज सिन्हा ने कार्यकर्ताओं को दी शुभकामनाएं

PATNA: भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यकर्ताओं को शुभकामना देते हुए कहा कि 6 अप्रैल 1980 को पार्टी स्थापना की नीव जब रखी गई थी, तब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि एक दिन न सिर्फ यह अपने मूल स्वरूप जनसंघ से भी बड़ी पार्टी बनेगी। वह भी इतनी बड़ी, जिसके सामने न सिर्फ देश बल्कि विश्व की तमाम राजनीतिक पार्टियां छोटी पड़ जाएगी।


उन्होंने कहा कि पार्टी के मुंबई में हुए पहले अधिवेशन में पार्टी के प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था "अंधियारा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा"। आज भारत के संसदीय राजनीति में चारों तरफ कमल ही तो खिल रहा है, तभी तो 2 सांसदों की पार्टी के सफर से शुरुआत कर आज भाजपा 303 सांसदों की पार्टी बनने का गौरव तक पहुंची है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि भाजपा 2025 में अपना 46वां स्थापना दिवस मना रही होगी, तब हमारी अपनी पार्टी लोकसभा में 400 से ज्यादा सांसदों के साथ विजय के एक नयी गाथा लिखेगी।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जब अंत्योदय की बात करते हैं तो डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. लाल कृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी के समय का संघर्ष याद आता है। नजर आता है कि अंतिम व्यक्ति तक सरकार की सीधी पहुंच का जो राजनीतिक स्वप्न देखा गया था, आज वह सरजम़ी पर उतर चुका है लेकिन शून्य से शिखर तक की यात्रा आसान नही थीI जनसंघ के 30 सालों के इतिहास में पहले उन्हें उपेक्षा, फिर दुष्प्रचार रूपी कीचड़ उनपर फेका गया। संस्था को बैन कर दिया गया, यहां तक कि इसे हत्यारा पार्टी भी कहा गया। पार्टी के लोगों के ऊपर स्वंत्रता संग्राम में भागीदारी के ऊपर भी सवाल उठाए गए। 1980 में भारतीय जनता पार्टी के स्थापना के बाद प्रारंभ हुआ दौर कीचड़ से कमल खिलाने काI


ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि जिस विचारधारा को वामपंथियों और नेहरूवादियों ने सिरे से नकार दिया था, आज उसी विचारधारा के दम पर प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के 60 वर्षों के कुशासन के पंजे में जकड़े देशवासियों को उबारकर, उन्हें विकास और सांस्कृतिक प्रतिष्ठा के मार्ग पर प्रशस्त कर रहे हैं। जिस पार्टी को पूंजीपतियों और शहरी लोगों की पार्टी बुलाई जाती थी, उसने मात्रा 10 वर्षों के शासन में अंत्योदय के कई कीर्तिमान स्थापित कर दिए। आज गरीबों को उनका पैसा सीधे उनके खाते में मिलता है, अब पश्चिमी देशों की ताड़ना को हम ब्रह्मवाक्य नहीं मान लेते, बल्कि अंतराष्ट्रीय मंचों पर उन्हें करारा जवाब देते हैं, पाकिस्तान जो की भारत के लिए 2014 तक नासूर बना हुआ था आज अप्रासंगिक हो चुका है। आज से दस साल पहले बड़े बड़े अर्थशस्त्री चीन के विकास दर को देखकर व्यंग्य करते हुए कहते थे कि भारत के लिए इसे पीछे छोड़ना असंभव है। एक बार फिर सभी अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणियां धरी की धरी रह गयी और मोदी के नेतृत्व में वन्दे भारत एक्सप्रेस ने पूरी रफ़्तार पकड़ ली है। 


उन्होंने कहा कि आज भारत को विश्वगुरु कहा जा रहा है और महाशक्तियों से हम प्रभावित नहीं हो रहे बल्कि वह हमसे प्रभावित हो रहे हैं इसलिए, भारत की आम जनता अब प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के सपनों को साकार करने के लिए उन्हें तीसरी बार कुर्सी सौंपने का मन बना चुकी है।