BJP का घर है बिहार, बोले सम्राट चौधरी ... लालू को सबसे पहले हमलोगों ने ही लगाया हल्दी, लव- कुश की बात करने में नीतीश कुमार को होने लगता है दर्द

BJP का घर है बिहार, बोले सम्राट चौधरी ... लालू को सबसे पहले हमलोगों ने ही लगाया हल्दी, लव- कुश की बात करने में नीतीश कुमार को होने लगता है दर्द

PATNA : देश के गृह मंत्री लगातार बिहार आ रहे हैं। इस बार वो हरित क्रांति, सफ़ेद क्रांति और नीली क्रांति हो रही है इसको लेकर आएंगे। बिहार में जो लगातार अपराधिक घटनाएं हो रही है। बिहार की जो समस्या बनी हुई है। उसको लेकर बातचीत करने आ रहे हैं। आज जिस तरह नीतीश कुमार की पार्टी जनता को ठग रही है इसी के बारे में लोगों की बताने को आएंगे। यह बातें भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कही है। 


दरअसल ,सरदार बल्लव भाई पटेल की जयंती समारोह में शामिल हुए चिराग पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे और कांग्रेस के तरफ से  बल्लव भाई पटेल दी जाने वाली इज्जत को लेकर बातचीत करते हुए बड़ा आरोप लगाया है। सम्राट ने कहा कि- भाजपा का घर बिहार है। ऐसे में अमित शाह बिहार आ रहे है तो क्या समस्या है। इसके आलावा लालू यादव को भी सबसे पहले हम लोगों ने ही हल्दी लगाने का काम किया था कोई कांग्रेस नहीं आई थी उस समय। यह बातें राजद सुप्रीमों के बेटे को अच्छी तरह से मालूम होना चाहिए। भाजपा का किसी का कृपा नहीं है बल्कि भाजपा ने नीतीश कुमार और कुर्पुरी जी जैसे नेता को सीएम बनाया है। भाजपा का कृपा लालू और नीतीश दोनों पर है। 


वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर भी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, सरदार वल्लभभाई पटेल अगर भारत के प्रधानमंत्री होते तो ना तो पाकिस्तान होता और ना ही बांग्लादेश होता। लेकिन, कांग्रेस ने सरदार पटेल को प्रधान मंत्री नहीं बनने दिया। इतना ही अब बिहार के CM को भी लव कुश की बात आने पेट में दर्द होने लगता है। 


उधर, सम्राट ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि बिहार में हमारी सरकार बनी तो नालंदा मे सरदार पटेल की बहुत बड़ी प्रतिमा लगायेंगे। हमलोग सिर्फ अपने तक समित रहने वाले लोग नहीं है। आज जो खुद को लोगों के हितेषी बन रहे हैं वही सबसे बड़े सामंती है। लालू ने किसी को मौका नहीं दिया बस अपनी  पत्नी, बेटा और बेटी को ही सब पद दिया। एक दूसरे है हमारे सीएम नीतीश कुमार जी अब तो उनपर कुछ बोलने में भी डर लगता है की मालूम नहीं वो कब कहां और क्या बोल दें।