PATNA : बिहार विधानसभा ने अपने स्वर्णिम इतिहास के 100 साल पूरे कर लिए हैं. आज से ठीक 100 साल पहले 7 फरवरी 1921 को बिहार विधान सभा की पहली बैठक आयोजित हुई थी. पहले सत्र और उसके लिए अधिसूचित भवन में पहली बैठक का आयोजन किया गया था. उसके पहले बिहार उड़ीसा विधान परिषद कहलाता था.
आपको बता दें कि शताब्दी समारोह के मौके पर विधानसभा में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. शताब्दी वर्ष का कार्यक्रम दो चरणों में होगा. पहले चरण का उद्घाटन आज हो रहा है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. फिर बजट सत्र के बाद दूसरे चरण का कार्यक्रम शुरू होगा. इसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा समापन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. केवल तिथि तय होना बाकी है.
पहले चरण के कार्यकर्म में बिहार के संसदीय इतिहास और कार्य संस्कृति पर विमर्श होगा जिसमें सीएम नीतीश कुमार, प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम रेणु देवी, तारकिशोर प्रसाद, विधान परिषद् कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह मुख्य वक्ता होंगे. वहीं, दूसरे सत्र में 'लोक महत्त्व के मामले को सदन में उठाने की प्रक्रिया, विधायी शक्तियां और दायित्व' विषय पर चर्चा होगी. इसमें विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा विषय प्रवेश कराएंगे. परिचर्चा में विजय कुमार चौधरी, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद, विधानसभा के सदस्य शामिल होंगे.