PATNA : विधान परिषद चुनाव को लेकर बिहार एनडीए के अंदर रस्साकशी दिलचस्प दौर में जा पहुंची है. शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी ने इस फैसले पर मुहर लगा दी कि उनकी पार्टी 13 सीटिंग सीटों पर चुनाव लड़ेगी. स्थानीय निकाय कोटे से होने वाली इन सीटों पर बीजेपी पहले से ही अपना दावा करते रही है. बाकी बची 11 सीटों पर उसने जेडीयू के चुनाव लड़ने की पेशकश भी कर डाली है लेकिन परिषद चुनाव में सीट शेयरिंग का असल पेंच 2 सीटों को लेकर फंसा हुआ है.
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों की माने तो मधुबनी और दरभंगा सीट को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. यही वजह है कि जेडीयू के नेता 50-50 के फार्मूले की बात कर रहे हैं जबकि बीजेपी परिषद चुनावों में अपनी कोई भी सीटिंग सीटें छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. मधुबनी सीट फिलहाल बीजेपी के पास है और इस सीट पर जेडीयू की तरफ से भी दावा किया जा रहा है. दरअसल, जेडीयू खेमे में ऐसे चेहरे मौजूद हैं जो इस सीट से दावेदार हैं जबकि दूसरी तरफ बीजेपी का सीधा कहना है कि वह अपनी सीटिंग सीट नहीं छोड़ेगी.
उधर, दरभंगा सीट को लेकर भी जिच बरकरार है. दरभंगा सीट से जीत हासिल करने वाले सुनील सिंह का निधन हो चुका है लेकिन बीजेपी इस सीट पर एक नया उम्मीदवार देना चाहती है. बताया जा रहा है कि इसमें कैंडिडेट को पार्टी के कुछ केंद्रीय नेताओं ने कमिटमेंट तक कर रखा है जिसकी वजह से दावेदारी की जा रही है. जबकि इस उम्मीदवार को लेकर ही जेडीयू की तरफ से खासा विरोध है. दरअसल, बीजेपी जैसे चेहरे को यहां उम्मीदवार बनाना चाहती है वह कभी जेडीयू में हुआ करते थे. इसी वजह से पेच फंसा हुआ है.
हालांकि बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में यह बात साफ हो गई है कि 3 सीटें ऐसी हैं जहां उनकी तरफ से पुराने चेहरे चुनावी मैदान में नहीं होंगे. औरंगाबाद से चुनाव लड़ने वाले राजन सिंह ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. जबकि समस्तीपुर और दरभंगा में भी पार्टी की तरफ से नए चेहरे होंगे. कोर कमेटी की बैठक में 13-11 के फार्मूले पर सहमति बनाई गई और इस यह तय कर दिया गया कि अब जेडीयू से आगे की बातचीत बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा.