PATNA : बिहार में एसटीईटी रिजल्ट और मेरिट लिस्ट आने के बाद एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा कर रहे हैं. एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार ने रिजल्ट और मेरिट लिस्ट तैयार करने में धांधली की है, जिसको लेकर ये लोग कोर्ट जाने वाले हैं. इधर बिहार के मुजफ्फरपुर में एसटीईटी की मेरिट लिस्ट के कारण पति-पत्नी में विवाद हो गया है. दोनों के बीच भयंकर लड़ाई हो गई है. जिसका असर उनके रिश्ते पर पड़ रहा है.
मामला मुजफ्फरपुर जिले का है. यहां एसटीईटी मेरिट लिस्ट मियां-बीवी के बीच फसाद का बड़ा कारण बना है. दअसल मुजफ्फरपुर के रहने वाले अभय के ससुराल वालों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया. एसटीईटी की मेरिट लिस्ट के कारण अभय के परिवार में कलह पैदा हो गया है. बताया जा रहा है कि अभय का रिजल्ट मार्च में आया था, जिसमें वह पास हो गए थे. इस रिजल्ट के आधार पर अभय की शादी भी हुई थी. लेकिन जब सरकार ने मेरिट लिस्ट जारी की तो उसमें उनका रिजल्ट 'नॉट इन मेरिट लिस्ट' में शो किया.
दरअसल इसबार एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को दो अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है. एक ‘क्वालिफाइड एंड इन मेरिट लिस्ट’ जबकि दूसरा ‘क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट’ बनाया गया है. जो मेरिट लिस्ट में हैं, उनकी नौकरी पक्की है. जबकि वैसे कैंडिडेट हो क्वालिफाइड हैं लेकिन मेरिट लिस्ट से बाहर हैं. उनकी नौकरी पर फिलहाल संशय बरक़रार है. यही कारण है कि मुजफ्फरपुर के रहने वाले अभय के वैवाहिक जीवन में भूचाल आ गया है. क्योंकि अभय भी ‘क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट’ की श्रेणी में हैं.
अभय की पत्नी के घरवालों का कहना है कि जिस डिग्री पर हमने शादी की वह अब है ही नहीं तो नौकरी कैसे लगेगी. उनका कहना है कि हम लोग ठगे गये हैं. उधर अभय का कहना है कि पहले यह कॉलम नहीं था और सरकार की ओर से पहले मेरिट लिस्ट वाली बात क्यों नहीं बताई गई थी. कैंडिडेट को अँधेरे में रखकर मेरिट लिस्ट तैयार की गई है. इस अनियमितता की सही तरीके से जांच होनी चाहिए. हजारों अभ्यर्थियों का सपना चकनाचूर हो गया है. मेरिट लिस्ट के कारण ही दो परिवारों के बीच बहसा-बहसी शुरू हो गई है.
अभ्यर्थियों के विरोध के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से समिति बनाई गई है. बिहार बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों के बारे में फैसला लेने के लिए इस समिति का गठन किया है, जो एसटीईटी परीक्षा में पास होने के बाद भी मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाए हैं. शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी अपनी अनुशंसा जल्द ही देगी. इसके आधार पर फैसला लिया जाएगा.
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी एक बार फिर से एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया है कि वे घबराएं नहीं. उनकी भी नौकरी होगी. गौरतलब हो कि पिछली बार भी रिजल्ट आने के बाद खुद शिक्षा मंत्री ने ही इसका एलान किया था कि जो भी कैंडिडेट पास हुए हैं, उनकी नौकरी पक्की है. शिक्षा मंत्री के साथ-साथ विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस बात को दोहराया था कि जो पास हुए हैं, उनकी नौकरी पक्की है.