बिहार स्पन सिल्क मिल के 352 कर्मियों को मिला बकाया वेतन, उद्योग मंत्री बोले..भागलपुर से है सांस का रिश्ता, जीवन भर जुड़ा रहेगा

बिहार स्पन सिल्क मिल के 352 कर्मियों को मिला बकाया वेतन, उद्योग मंत्री बोले..भागलपुर से है सांस का रिश्ता, जीवन भर जुड़ा रहेगा

BHAGALPUR: बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने एक बार फिर भागलपुर वासियों को बड़ी सौगात दी है। नए वर्ष में पहली बार भागलपुर आगमन पर उन्होंने बिहार स्पन सिल्क मिल के 352 कर्मियों को 25 साल से बकाया वेतन के भुगतान के रूप में 15.60 करोड़ की सौगात दी और भागलपुर वासियों को अन्य कई योजनाओं का भी तोहफा दिया ।


भागलपुर के रेशम भवन में बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की इकाई बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने बिहार स्पन सिल्क मिल के 352 कर्मचारियों के वर्ष 1997 से लंबित वेतन के रूप में 15.60 करोड़ रुपयों की राशि का भुगतान किया । कोविड-19 निर्देशों  का पालन करते हुए कार्यक्रम में मात्र 30 कर्मचारियों को सांकेतिक रूप से चेक प्रदान किया गया। निगम की ओर से भुगतान डिजिटल माध्यम से कर्मचारियों के बैंक खाते में किया जाएगा। 


रेशम भवन में आयोजित कार्यक्रम में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और निर्देशन में हम नए उद्योगों को लगाने के साथ-साथ पुरानी समस्याओं के समाधान में भी लगे हुए हैं । 


उन्होंने कहा कि अभी हमने बीएसएसम के 352 कर्मियों के बीच 15.60 करोड़ रुपए 8 साल का बकाया वेतन के रूप में एकमुश्त दिए हैं और बाकी बचा वेतन भी उन्हें दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार स्पन सिल्क मिल के बकाया वेतन के भुगतान के लिए करीब 42 करोड़ रुपए दिए जाने हैं जिनमें से 16 करोड़ से ज्यादा की रकम दो किश्तों ( 6 माह का वेतन - 55 लाख और 8 साल का एकमुश्त वेतन - 15.60 करोड़ ) में वितरित की गई है और बाकी के वेतन के भुगतान के लिए भी रकम का बंदोबस्त किया जा रहा है।


शाहनवाज ने कहा कि भागलपुर के पिछले दौरे में हमने कहा था कि अपनी कलम की ताकत से लोगों के आंसू पोछने का काम करूंगा और आज मुझे बहुत खुशी है कि 352 कर्मियों को 25 साल से बकाया वेतन अपने हाथों सौंपने का सौभाग्य मिला है ।


नए साल 2022 में पहली बार भागलपुर आगमन पर बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने और भी कई सौगात भागलपुर को दी। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भागलपुर में 40.10 करोड़ की लागत से बनने वाले सिपेट (CIPET) के वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर को स्वीकृति मिल चुकी है। इसके निर्माण और स्थापना के लिए प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भागलपुर में बुनकरों की सुविधा के लिए डिजाइन स्टूडियो तैयार हो चुका है जिसका जल्द उद्घाटन किया जाएगा लेकिन इसके साथ एक करीब 4 करोड़ की लागत के एक नया डायइंग हाउस (Dyeing House) भी यहां शुरू करने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया जा चुका है।


भागलपुर में सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वो उद्योग मंत्री के नाते तो पूरी ताकत से काम कर ही रहे हैं साथ ही नीतीश सरकार के मंत्री के रूप में अन्य विभाग से भी जो काम हो सकते हैं उसके लिए भी दिन रात प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने कहा कि नाथनगर स्थित राजकीय एस वाई एन ए आयुर्वेदिक कॉलेज के जीर्णोद्धार के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दिल दिखाया और खुशी हो रही है कि भागलपुर को 100 करोड़ से ज्यादा की रकम से पुराने आयुर्वेदिक कॉलेज के जीर्णोद्धार की बड़ी सौगात भी मिल गई है।


उन्होंने कहा कि भागलपुर को जोड़ने वाली सड़कों की बेहतरी के लिए भी वो लगातार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन से बातचीत करते रहे हैं और इसका भी काफी लाभ भागलपुर को मिलने वाला है। एनएच 80 के निर्माण के लिए भू अधिग्रहण का काम तेजी से हो इसके लिए लगातार वो जिलाधिकारी से जानकारी लेते रहते हैं तो अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग को भी विस्तार देने के लिए भी उनका गंभीर प्रयास जारी है। इसका भी बहुत बड़ा लाभ भागलपुर वासियों को मिलने वाला है।


सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि रेशम की नगरी भागलपुर की चमक और आगे बढ़े इसके लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि भागलपुर और बांका के 722 बुनकरों को दस दस हज़ार की कार्यशील पूंजी दी जा चुकी है और जल्द ही कुछ और बुनकरों को कार्यशील पूंजी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भागलपुर के लोदीपुर में बुनकरों के लिए एक क्लस्टर पहले से ही स्वीकृत हैं। 10 करोड़ की लागत से अन्य कई क्लस्टर भी जल्द शुरू किए जाएंगे जिनमें ज्यादा से ज्यादा बुनकरों को लाभ होगा।


भागलपुर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का भी जिक्र किया । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत पूरे राज्य में 16000 नए उद्यमियों को दस-दस लाख रुपयों  की सहायता के लिए चयनित किया गया है जिसमें 426 लाभुक भागलपुर के हैं। उन्होंने कहा कि भागलपुर की हर पहचान - कतरनी चुड़ा, रेशम, हथकरघा, मंजूषा शैली की पेंटिंग आदि के विकास के लिए वो उद्योग विभाग के माध्यम से काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि भागलपुर से उनका रिश्ता निस्वार्थ है। यह रिश्ता बहुत पुराना है। लेकिन पूरे बिहार राज्य का मंत्री होने के चलते उन्हें बिहार की 14 करोड़ अवाम की चिंता करनी है। उन्होंने कहा कि बिहार के अन्य हिस्सों में भी उद्योग क्षेत्र में बहुत काम हो रहे हैं लेकिन रेशम के शहर भागलपुर की भी चमक बढ़ाने की उनकी जिम्मेदारी है।


उन्होंने कहा कि भागलपुर में 8 करोड़ की लागत से प्रशिक्षण केंद्र सह छात्रावास भी खुलेगा जिसमें उद्योग से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी । साथ ही भागलपुर में खादी मॉल भी खोला जाएगा, इसके लिए भी जमीन चिन्हित की जा रही है। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, भागलपुर के सदस्यों के साथ भी संवाद किया और चिकित्सा क्षेत्र में संभावनाओं पर उनसे विस्तृत बात की। 


आपको बता दें बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की एक इकाई के रूप में बिहार स्पन सिल्क मिल की स्थापना की प्रक्रिया 1962 ई. में प्रारंभ की गई। इस मिल में उत्पादन 1974 में प्रारंभ हुआ। बिहार स्पन सिल्क मिल, भागलपुर में बनाए गए रेशम की प्रसिद्धि देश-विदेश में रही। इस मिल के धागे का निर्यात बांग्लादेश और यूरोप के कई देशों में भी हुआ करता था। रेशम का वस्त्र उत्पादित करने वाली स्थानीय इकाइयों में भी बिहार स्पन सिल्क मिल में बनाये गये धागे का इस्तेमाल होता था।


कतिपय कारणों से इस मिल में उत्पादन 1993 से बंद हो गया । उत्पादन बंद होने एवं अर्थाभाव के कारण कर्मचारियों के वेतन एवं सेवांत लाभ का भुगतान वर्ष 1997 से रुक गया। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री का प्रभार लेने के साथ ही वो कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान में लग गए और जरूरी निर्देश अधिकारियों को दिया। कार्यक्रम में भागलपुर सदर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन से भागलपुर को बड़ी उम्मीद है और वह सिल्क नगरी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।


कार्यक्रम में बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि सभी कर्मचारियों के कुल बकाया की गणना चार्टर्ड अकाउंटेंट को लगाकर की गई है और उनका कुल बकाया लगभग ₹42 करोड़ निकला है। अभी बिहार स्पन सिल्क मिल के 352 कर्मचारियों को वर्ष 1997 से मार्च,2005 के 8 वर्षों के लंबित वेतन के मध्य में 15.60 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा रहा है। सभी भुगतान सीधे बैंक खाते में किए जाएंगे। 


सभी कर्मचारियों से उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते का विवरण निगम द्वारा मांगा गया है। यह एक ऐतिहासिक पहल है। शेष राशि के भुगतान की व्यवस्था के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। विशेष सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि अगस्त, 2021 में सिल्क मिल के कर्मचारियों को 6 माह के वेतन के एवज में लगभग 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया और अभी लगभग 8 सालों का बकाया वेतन दिया जा रहा है। शेष राशि के भुगतान के लिए भी प्रयास जारी है। बिहार में उद्योग विभाग के अधीन जो भी पुरानी इकाइयां और निगम हैं, उनके कर्मचारियों के लंबित वेतन के भुगतान के लिए सरकार कृत संकल्प है।


वर्ष 2021 में बिहार राज्य वस्त्र निगम, बिहार राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम तथा बिहार राज्य औषधि एवं रसायन निगम के 796 कर्मचारियों को 106.90 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया। बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की इकाई सहरसा पेपर मिल के कर्मचारियों को भी लंबित वेतन एवं सेवांत लाभ का भुगतान कर दिया गया है। बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम की एक और इकाई बिहार स्कूटर लिमिटेड,फतुहा के कर्मचारियों के लंबित वेतन के भुगतान के लिए भी पहल की जा रही है। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि भागलपुर में उद्योग विभाग द्वारा विकास के अनेक कार्य किए जा रहे हैं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।