BEGUSARAI: लोक आस्था का महापर्व छठ की छटा अब बिहार के साथ-साथ मलेशिया,अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में देखी जा रही है। बुधवार को जब हिंदुस्तान में दोपहर के करीब 12 बज रहे थे तब ऑस्ट्रेलिया में सूर्यास्त की बेला हो गई। बेगूसराय के नीरज कुमार दास ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में जब अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया तो वही अमेरिका में भी अर्घ्य दिया गया।
इस मौके पर अमेरिका के गृह राज्य मंत्री, कई सांसद समेत बिहार और झारखंड के पांच सौ से अधिक लोग जमा हुए और सपरिवार सूर्य देव की आराधना की। उद्योगपति नीरज कुमार दास ने बताया कि उगते सूर्य की उपासना तो संसार का विधान है, लेकिन हम भारतीय ही अस्ताचल सूर्य की भी आराधना करते हैं और वो भी उगते सूर्य से पहले।
उद्योगपति नीरज कुमार दास ने बताया कि अगर उदय का अस्त भौगोलिक नियम है तो अस्त का उदय प्राकृतिक और आध्यात्मिक सत्य। प्रकृति के अंतिम स्वरूप और ऊर्जा का अक्षुण्ण स्रोत सूर्य की आराधना का महापर्व छठ पूजा है। हम बिहार के लोग दुनिया के चाहे जिस भी हिस्से में चले जाएं अपनी संस्कृति को नहीं भूल सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हम लोगों ने बिहार-झारखंड महासभा करके एक ग्रुप बना रखा है। सचिव होने के नाते अधिक जिम्मेवारी हमारी होती है हम लोग यहां अपने देश की संस्कृति से जुड़े तमाम पर्व त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
उन्होंने बताया कि अपने बिहार के लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर मंगलवार को अपनी परंपरा के अनुसार हम लोगों ने खरना किया। उसके बाद बुधवार को भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। बुधवार की देर रात जब हिंदुस्तान में रात का समय होगा तो मेलबर्न में सूर्योदय की बेला होगी और उस समय प्रातः कालीन अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन होगा।
इस अवसर पर बिहार झारखंड के सैकड़ों परिवार एकत्रित होकर जब छठ मनाते हैं तो ऑस्ट्रेलिया वासी भी हमारे इस महापर्व में सहभागी बनते हैं। हिंदी गीत वे लोग भले ही नहीं गा पाते हैं, लेकिन हम लोगों के साथ-साथ वे सब भी शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत गुनगुनाते हैं, समझते हैं और आस्था में शरीक होते हैं। नीरज कुमार दास के पिता पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष जयराम दास ने बताया कि यूं तो बिहार के इस महापर्व की देश-दुनिया में धूम मची है।
लेकिन पिछले तीन वर्ष से नीरज मेलबर्न में अपने बिहार की संस्कृति की पताका लहरा रहे हैं। इस मौके पर वहां सिर्फ बेगूसराय नहीं, मोतिहारी समेत बिहार के विभिन्न हिस्सों के लोगों के अलावा बड़ी संख्या में झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के रहने वाले भी बिहार झारखंड महासभा के बैनर तले छठ मनाते हैं। यह छठ हमें हमारी संस्कृति और परंपरा को अक्षुण्ण में रखने का संदेश देती है, तभी तो बिहार के लोग जहां कहीं जाते हैं, वहीं पर छठ मनाते हैं।