VAISHALI : बिहार का शिक्षा विभाग का इसके शिक्षक हमेशा से किसी न किसी वजहों से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। चाहे वो क्लासरूम में पढ़ाने का मामला हो या फिर स्कूल में बच्चों से साथ वातावरण तैयार करने का मामला हो, बिहार के टीचर कुछ न कुछ ऐसा अनोखा कार्य कर ही देते हैं कि इसकी चर्चा चारों तरफ होनी शुरू हो जाती है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला वैशाली से जुड़ा हुआ है। जहां स्कूल के टीचर छह बच्चों को क्लासरूम में ही बंद कर स्कूल से बाहर निकल गए। इसके बाद जब परिजनों ने इसकी तो इस पूरी घटना की सच्चाई सामने आई।
दरअसल, जिले के बिदुपुर में प्राथमिक स्कूल के अध्यापक और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां प्राथमिक विद्यालय बाजीतपुर टोला गोखुलपुर बिदुपुर नंबर 2 से लेकर कक्षा 4 में पढ़ने वाला 6 छात्र -छात्राओं को टीचर ने क्लास रूम में ही बन्द कर दिया और अपने घर को रवाना हो गए। इतना ही स्कूल का पूरा स्टाफ छोटे- छोटे बच्चे को देखे बिना ही बच्चे को क्लास रूम में बंद करके घर चले गए।
वहीं, काफी देर बाद जब बच्चे जब अपने घर नही पहंचे तो उनके परिजन ने खोजबीन शुरू की और खोजते-खोजते जब विद्यालय पहुंचे तो उन्होंने देखा कि विद्यालय के कमरे में सभी बच्चे बुरी तरह से रो - बिलख रहे हैं। जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से विद्यालय के शिक्षक को फ़ोन किया। लेकिन, ग्रामीणों के फोन करने के बाद भी टीचर को आने में हो रही देरी के बाद इस मामले की जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी गई। साथ में इस घटना की सूचना पुलिस को दिया गया। जिसके बाद शिक्षक भागे भागे स्कूल पहुंचें और बच्चो को बाहर निकाला।
इस घटना को लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक अभिनाश चंद्रा का कहना है कि बच्चों को गलती से क्लास में बंद कर में मोबाईल फोन को चार्ज करने चलें गए थे। उनका मोबाईल फोन बन्द हो गया था।इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्रधानाध्यापक की मोबाइल डाउन हो गई थी जिसे चार्ज करने के लिए आसपास में ही स्कूल बंद कर चलें गए थे। उन्होंने कहा कि उस विद्यालय में एक शिक्षक और दो शिक्षिका है दोनों शिक्षिका जनगणना कार्य में लगी हुई थी और एक शिक्षक स्कूल में पठन-पाठन में लगे हुए थे। मोबाइल से ऑनलाइन कॉल करने के दौरान मोबाइल बंद हो गई थी। जिसे चार्ज करने चले गए थे।