PATNA : बिहार सरकार ने बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि BETET पास करने वाले अभ्यर्थियों को बडा तोहफा देते हुए उनके प्रमाण पत्र की वैधता को 7 साल से बढाकर आजीवन कर दिया है. यानि जिसने एक बार ये परीक्षा पास कर ली उन्हें नौकरी के लिए कभी दुबारा परीक्षा नहीं देनी होगी. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने टीईटी की सर्टिफिकेट की वैलिडिटी को सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। केंद्र के उसी फैसले के आलोक में बिहार सरकार ने भी ये आदेश जारी किया है. इससे लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी.
शिक्षा विभाग का आदेश
शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने शुक्रवार को इस बाबत पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि बिहार में प्रारंभिक सरकारी विद्यालयों में नियुक्ति बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 और बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा 2020 के तहत की जाती है. इस नियमावली के मुताबिक प्रारंभिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना जरूरी है. बिहार में शिक्षा विभाग इसके लिए प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा लेता था जिसके प्रमाण पत्र की वैधता 7 साल थी. हालांकि 2019 में राज्य सरकार ने प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2012 में पास करने वालों के प्रमाण पत्र की वैधता दो साल बढ़ाने का फैसला लिया था. उनकी वैधता 2019 में समाप्त हो रही थी उसे 2021 तक बढ़ा दिया गया था.
शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि इसी बीच राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 9 जून को शिक्षक पात्रता परीक्षा TET की वैधता को 11 फरवरी 2021 के प्रभाव से आजीवन कर दिया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से भी शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की वैधता को आजीवन मान्य करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है.
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार के इस आदेश के आलोक में बिहार में आयोजित प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की वैधता को बढाया है. ये पहले 7 साल के लिए वैध थी लेकिन अब आजीवन वैलिड रहेगा. सरकार ने कहा है कि BETET पास कर चुके अभ्यर्थियों को दुबारा परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी. अगर वे शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की दूसरी शर्तों को पूरा करते हैं तो कभी भी आवेदन दे सकते हैं. बिहार सरकार ने कहा है कि भविष्य में होने वाली BTET की परीक्षा का प्रमाण पत्र भी आजीवन मान्य रहेगा. शिक्षकों की नियुक्ति में इसका पालन किया जायेगा.
टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि "सीटीईटी बीटीईटी प्रमाण पत्र की मान्यता लाइफ टाइम करने के बजाए इसे पास करने के 2 साल के अंदर सभी की बहाली सुनिश्चित हो यह जरूरी है। लाइफ टाइम प्रमाण पत्र की मान्यता करने से कोई खास लाभ नहीं होने वाला क्यों कि समय पर बहाली नही होने से अधिकांश अभ्यर्थियों की उम्र सीमा समाप्त हो जाती है। ये केवल सुनने में आकर्षक प्रतीत हो रहा है लेकिन धरातल पर कुछ विशेष लाभ अभ्यर्थियों को नही मिल पाएगा। उदाहरण के तौर पर 2011 एवं 2017 में बिहार टीईटी पास बहुत सारे अभ्यर्थी वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में उम्र सीमा अधिक हो जाने के कारण मेधा सूची से बाहर हो जा रहे है।"