JAMUI : बिहार में शराबबंदी कानून है। राज्य में कहीं भी शराब पीने या उससे जुड़े कारोबार करने पर सख्त पावंदी है। इसको लेकर राज्य सरकार के तरफ से एक अलग पुलिस बल की तैयार की गई है। इस पुलिस द्वारा पिछले महीनों से छापेमारी जा रही है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला जमुई से निकल कर सामने आ रहा है। जहां थाना के पास ही पुलिस गाड़ी को खदेड़ दिया गया और फिर मात्रा में उपस्थित लोगों ने घेराव भी कर दिया।
दरअसल, बरहट थाना क्षेत्र के जंगली इलाके में रहने वाले दर्जनों आदिवासी महिलाएं पुरुष और बच्चों ने पारंपरिक हथियार के साथ ढोल नगाड़े के साथ अचानक बरहट थाना पहुंच गए। इसके बाद ये एलपीजी थाना का घेराव कर जमकर हंगामा करने लगे। थाना का घेराव कर रहे आदिवासियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बरहट थाना के एसआई हीरालाल यादव गश्ती कर जैसे थी थाना परिसर में पहुंचे तो लाठी -डंडे एवं पत्थर से उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया। गनीमत थी कि, गश्ती दल के ड्राइवर भीड़ को देख खतरे को भांप लिया और पहले अपनी गाड़ी रोक बैक मे ही काफी दूर निकला और फिर भाग खड़ा हुआ।
बताया जा रहा है कि, शराब धंधेबाजों के खिलाफ उत्पाद पुलिस और जिला पुलिस लगातार छापेमारी अभियान चला रही है। इसी को लेकर उत्पाद पुलिस ने बरहट थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित धोबनी गांव में छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस टीम ने कई घरों में तलाशी भी ली। अब इसी बात को लेकर आदिवासी समाज के ग्रामीण नाराज हो गए और थाने का घेराव कर दिया।
वहीं, इस पुरे मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि, छापेमारी के दौरान पुलिस स्थानीय आदिवासी महिलाओं पुरुष के साथ भी मारपीट की गई। विनीता कुमारी, संजय मुरमुर, फुलमनी देवी, मदन मुर्मू घायल हो गए। विनीता दो माह की गर्भवती हैं जिस कारण उसको परेशानी उठानी पड़ी। जिसके बाद महिला के साथ मारपीट एवं अभद्र व्यवहार किए जाने की सूचना मिलते ही आदिवासी समाज के लोगों ने आपस में विचार विमर्श कर बरहट थाना का घेराव करने की बात कही।
इधर, घटना की जानकारी के बाद सदर एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार मौके पर पहुंचकर आक्रोशित आदिवासियों को हर संभव मदद दिलाने की बात कही। साथ ही पुलिसकर्मी की पहचान कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। सभी अपने घर चले गए।