FIRE IN GOODS TRAIN : मालगाड़ी के डिब्बे में लगी आग, दमकल की टीम पहुंची; मचा हडकंप Road Accident in bihar : शादी की खुशियों में छाया मातम, बहन की डोली से पहले निकली भाई की अर्थी Chirag Paswan : चिराग पासवान पर बेहद संगीन आरोप, कंपनी की 'महिला डायरेक्टर' ने 'सुसाइड नोट' में क्या लिखी है, एक-एक लाइन पढ़ें... BIHAR NEWS : प्रेम प्रसंग में युवक की हत्या, अब भीड़ ने दारोगा का सिर फोड़ा; मचा हडकंप Bihar Politics: डिप्टी CM विजय सिन्हा ने RJD और 'तेजस्वी' के आरोपों की निकाल दी हवा, प्रमाण के साथ नेता प्रतिपक्ष की खोली पोल BIHAR CRIME : पटना में क्राइम अनकंट्रोल, ज्वेलरी दुकान में लाखों की लूट, भीड़भाड़ वाले इलाके में वारदात Dirty scandal in police station campus: 'चलअ चदरा में .. ,' कंबल ओढ़कर पुलिस लाइन में बॉयफ्रेंड के साथ रंगरेली मनाते धराई महिला सिपाही; ऐसे सच आया आमने Bihar Education News: मैडम...मैडम, सुनिए मैडम..सुनिए ! शिक्षा विभाग के ACS S. सिद्धार्थ स्कूल के मेन गेट पर खड़े होकर गेट खटखटाया, नहीं खुला तो आवाज लगाई, फिर तो.. ACS S Siddhartha : नालंदा के स्कूल में अकेले पहुंचे ACS एस सिद्धार्थ, बच्चों के साथ प्रार्थना कर पूछे कई सवाल Road Accident in bihar : शहनाई बजने से पहले उठी युवक की अर्थी, सड़क हादसे में गई जान; परिजनों में मचा कोहराम
07-Dec-2024 04:17 PM
Bihar News: आज चर्चा करेंगे एक राजनैतिक पार्टी के कप्तान और भाई साहब की. इन दिनों दल के अंदर दोनों के बीच की रस्साकस्सी की खूब चर्चा हो रही है. यह गपशप न सिर्फ दल के अंदर है, बल्कि बाहर भी होने लगी है. दरअसल, इस तरह के टकराव पहले भी होते थे, लेकिन बात बाहर नहीं आती थी. इस बार विवाद सतह पर आ गई है. भाई साहब के हस्तक्षेप से कप्तान साहब परेशान हैं. परेशान हों भी क्यों नहीं....जिसे नहीं चाह रहे, उसे थोप दे रहे.
कप्तान जिसे नहीं चाह रहे, भाई साहब आगे कर दे रहे...
बात उस पार्टी की करेंगे, जो अनुशासित मानी जाती है, जो खुद को सबसे अलग बताती है. कुछ मामलों में अलग है भी. पार्टी में कप्तान तो होते ही हैं, भाई साहब भी होते हैं. हालांकि वे पर्दे के पीछे से काम करते हैं. यह व्यवस्था लंबे समय से लागू है. इधऱ, बिहार यूनिट में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. हितों का टकराव चरम पर है. बताया जाता है कि पार्टी के अंदर कई गुट हो गए हैं. ऐसे में कामकाज पर भी प्रभाव पड़ रहा. कप्तान जिसे नहीं चाह रहे, उसे भाई साहब आगे बढ़ा दे रहे. एक नेता को बार-बार और हर जगह आगे बढ़ाने से कप्तान साहब परेशान हैं. कई बार अपना दर्द भी सार्वजनिक किया है. यह बताने की कोशिश की है कि, पार्टी में कप्तान की राय से ही निर्णय लिया जाय इसके बाद भी भाई साहब पर कोई असर नहीं पड़ रहा.
बिना गुट वाले नेताओं को समझ में नहीं आ रहा...किधऱ जाएं
पार्टी के अंदर खींचातानी का असर दल पर भी पड़ रहा है. बताया जाता है कि कई नेता कप्तान साहब के पक्ष में हैं तो कई भाई साहब के पक्ष में. तीसरा धड़ा भी है जो बड़े नेता के साथ खड़ा है. ऐसे में बिना गुट वाले नेताओं को परेशानी हो रही है. वे किधऱ रहें, समझ में नहीं आ रहा. अब देखना होगा कप्तान साहब और भाई साहब के बीच का यह टकराव कब खत्म होता है ?
विवेकानंद की रिपोर्ट