MOTIHARI : बिहार में अफसरशाही का आलम क्या है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। शायद ही कोई ऐसा नागरिक हो जिसे कहीं न कहीं अफसरशाही का समाना नहीं करना पड़ा हो। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि इसका सामना न सिर्फ आम आदमी कर रहे हैं बल्कि ख़ास भी इससे परेशान हैं और अब उन्होंने इसको लेकर जमकर अपनी भड़ास निकाली है।
दरअसल, इन दिनों बिहार की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ बनी हुई है। राज्य के अंदर लगभग 12 से अधिक जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकारी मदद भी दी जा रही है। लेकिन, कई ऐसे जरूरतमंद भी हैं जिन्हें अफसरशाही का समाना करना पड़ रहा है और उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। अब इसी बात को लेकर भाजपा के विधायक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री भड़क गए और फिर उन्होंने जमकर भड़ास निकाली।
मोतीहारी के भाजपा विधायक ने डीएम से शिकायत करते हुए कहा कि- " डीएम साहब ये आपका अनुकंपा वाला कर्मचारी है, लग रहा है इसके बाप के घर से देना है, सीओ मैडम तो लेडीज है, इनको उल्टा पुल्टा रिपोर्ट दिया है, आज एक बच्चा डूबा है तो वह यहां आई हैं नहीं तो वह भी नहीं आती, हम डेढ़ घंटा नाव पर सवार हो कर आए हैं, यह सब क्या हो रहा है आप दोनों पर एक्शन लीजिए"।
बताया जा रहा है कि मोतिहारी के बीजेपी विधायक पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार अपने विधानसभा क्षेत्र के बहुअरी झिटकहिया पंचायत के बाढ़ पीड़ित से मिलने गए थे। जहां ग्रामीणों ने उन्हें घेर कर कहा कि ऐसी खबर मिली है कि आपने बाढ़ राहत देने से मना कर दिया है। इसी वजह से कर्मचारी यहां बाढ़ राहत सामाग्री नहीं बाट रहा है। यह सुनते ही विधायक आग बबूला हो गए। उसके बाद वहां मौजूद सीओ और कर्मचारी को खरी खोठी सुनाई फिर सभी के सामने ही डीएम को फोन स्पीकर पर लगाया।
इस दौरान विधायक प्रमोद कुमार ने डीएम से कहा कि यह आपका अनुकंपा वाला कर्मचारी यहां बाढ़ पीड़ितों को बताया कि हमने सहायता रुकवा दिया है, मेरे बाप के घर से देना है। आप इसअनुकंपा वाला इस कर्मचारी को को सस्पेंड करिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते है कि सरकार के ख़ज़ाने पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है, यह आपका कर्मचारी चौक पर से घूम कर चला जाता है और गलत-सलत बात फैलता है कि विधायक जी मना कर दिए हैं। हमको यह जलील करने पर तुला हुआ है। आप बताइए कि सामाग्री क्या इन दोनों को अपने बाबूजी के घर से देना है।
विधायक ने आगे कहा कि ये दोनों हाकिम द्वारा DM को बाढ़ का रिपोर्ट नहीं किया है, जिसकी वजह से यहां के लोगों को बाढ़ की सुविधा नहीं मिल पाई है। लगता है ये दोनों हाकिम के बाप के घर से देना है, इसलिए ये लोग हम को बदनाम कर रहे है। डीएम साहब तो जेंटलमैन है वह देने के लिए तैयार है।लेकिन यही लोग उल्टा पुल्टा रिपोर्ट कर रहा है। डीएम साहब यहां का पब्लिक बोल रहा है कि नाव नहीं मिलेगा। यहां से ये अधिकारी लोग चले जाएं पैदल।कर्मचारी पर विफरते हुए विधायक ने कहा कि यह ड्यूटी करता ही नहीं है। बाढ़ पीड़ितों के लिए इस स्पेशल पोस्टिंग यहां की गई है लेकिन चौक पर बैठ रिपोर्ट बना चला जाता है।